संपादकीय

असली नमक हराम कौन?

भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हमेशा की तरह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ गंदी बयानबाजी की है। गिरिराज सिंह के बयान हिंदू और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करनेवाले होते हैं इसीलिए उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। बिहार चुनाव प्रचार के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा, ‘हमें नमक हरामों के वोट नहीं चाहिए।’ ये हम कौन हैं? भाजपा। वोट क्यों नहीं चाहिए? मुस्लिम नागरिक सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठाते हैं, लेकिन हमें वोट नहीं देते। यह नमक हरामी है, ऐसा वे कहते हैं। गिरिराज सिंह का बयान भारतीय संविधान के खिलाफ है। सरकार की योजनाएं इस देश के सभी लोगों और नागरिकों के लिए हैं। वे किसी विशेष जाति-धर्म समुदाय के लिए नहीं हैं, केंद्र में मंत्री गिरिराज सिंह को यह बात समझनी चाहिए। मोदी बहुतों की कक्षा लेते हैं, लेकिन वे गिरिराज सिंह जैसे लोगों की कक्षा नहीं ले सकते। क्योंकि मोदी ऐसे ही कट्टर और बेतुके बयान चाहते हैं। हम उन लोगों से और क्या उम्मीद कर सकते हैं जिनकी राजनीतिक दौड़ गोधरा कांड से शुरू हुई हो? क्या प्रधानमंत्री मोदी इस बात से सहमत हैं कि मोदी मंत्रिमंडल का एक मंत्री देश के २० करोड़ मुस्लिम नागरिकों को नमक हराम कहे? भाजपा की राजनीति हिंदू-मुसलमानों के बीच फूट और दुश्मनी पर आधारित है इसलिए ये लोग धार्मिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के प्रति उदासीन हैं। देश में २०-२२ करोड़ मुसलमान हैं और वे
देश के अधिकृत नागरिक
हैं। क्या केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पास इन मुसलमानों के साथ क्या किया जाए, इस बारे में कोई ठोस योजना है? उनके अनुसार, सभी मुसलमान नमक हराम हैं, क्योंकि वे भाजपा को वोट नहीं देते तो क्या गिरिराज सिंह इस भ्रम में हैं कि सभी हिंदू भाजपा को वोट देते हैं? पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों के हिंदुओं ने भाजपा को वोट नहीं दिया। राजस्थान चुनावों में कांग्रेस विफल रही। लेकिन उसके विधायक बड़ी संख्या में चुने गए। कांग्रेस को वोट देने वाले हिंदू हैं। महाराष्ट्र में अधिकांश हिंदुओं ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मतदान किया। बाद में भाजपा ने विधानसभा में वोट चुराकर सत्ता हासिल की, लेकिन भाजपा के खिलाफ, महाराष्ट्र के किसान हिंदू ही हैं इसलिए, मुसलमानों की तरह इन सभी हिंदुओं को एक नंबर का नमक हराम कहना पड़ेगा, ऐसा कल भाजपा के गिरिराज अपनी छाती पीटकर कहेंगे। क्योंकि वे केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठाते हैं और भाजपा को वोट नहीं देते हैं तो क्या गिरिराज सिंह इन सभी हिंदुओं को फांसी पर चढ़ानेवाले हैं? केंद्र सरकार की योजनाओं का पैसा भाजपा के खजाने का पैसा नहीं है। यह जनता के करों से आनेवाला पैसा है। ये पैसे गिरिराज सिंह की धोती झाड़ने से नहीं गिरते। इसलिए भाजपा के मंत्रियों को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जैसे वे देश के खजाने के मालिक हों। देश के स्वतंत्रता संग्राम में मुस्लिम समुदाय ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। कई मुस्लिम क्रांतिकारी फांसी पर चढ़ गए। गिरिराज सिंह के बापजादों ने कभी आजादी की
लड़ाई लड़ी हो तो
वे बताएं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तो स्वतंत्रता संग्राम से भाग गया था। श्यामाप्रसाद मुखर्जी जैसे नेताओं का मत था कि अंग्रेजों को स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पुलिस बल का प्रयोग करके ‘भारत छोड़ो’ जैसे आंदोलनों को कुचल देना चाहिए। मुखर्जी पाकिस्तान समर्थक सुहरावर्दी के नेतृत्व वाले बंगाल मंत्रिमंडल में थे। न तो भाजपा और न ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। अखंड भारत को बनाए रखने की लड़ाई लड़ने से पहले, इन मंडली ने मुस्लिम लीग के द्वि-राष्ट्र सिद्धांत को स्वीकार किया। पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पहलगाम में २६ हिंदुओं का नरसंहार किया। इस नरसंहार का बदला लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, लेकिन बदला पूरा होने से पहले ही पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध रोक दिया। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा व्यापार बंद करने की धमकी के बाद मोदी युद्ध से पीछे हट गए। अब ये किस तरह की नमक हरामी है यह गिरिराज सिंह को बताना चाहिए। रक्षा विभाग में कार्यरत जो लोग दुश्मन देश पाकिस्तान को रक्षा विभाग के राज मुहैया करा रहे थे, जब गिरफ्तार किए गए तो उनके संघ से संबंध उजागर हुए। हैरानी की बात है कि गिरिराज जैसे लोग इन सबका समर्थन करते हैं और ऐसे नमक हरामियों के साथ खड़े रहते हैं। मुसलमानों को नमक हराम कहना भाजपाइयों का शौक है, लेकिन कुछ दिन पहले मोदी सरकार ने दिल्ली में उन अफगान-तालिबानियों के लिए कालीन बिछाने का काम किया, जिन पर आतंकवादी होने का स्यापा मचाते थे। तालिबान का समर्थन करनेवाले, भारत के मुसलमानों को नमक हराम कहते हैं। वाह बढ़िया और क्या!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button