ज्योतिष

 कौन हैं अहोई माता? जानें अहोई अष्टमी का महत्व

अहोई अष्टमी के दिन माताएं अहोई माता का व्रत करती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अहोई माता कौन हैं और इस पूजा का असली महत्व क्या है? आइए जानते हैं पवित्र व्रत और अहोई माता की महिमा.

अहोई अष्टमी का व्रत माताओं के लिए एक खास पर्व है, जिसमें वे अपने बच्चों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. इस दिन अहोई माता की भक्ति और तारों को अर्घ्य देने की परंपरा घर में खुशियों का संदेश देती है. अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद मनाया जाता है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं. व्रत का मुख्य उद्देश्य माता अहोई की पूजा करना और उनके आशीर्वाद से संतान की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है.

अहोई अष्टमी व्रत का महत्व

अहोई अष्टमी का व्रत माता अहोई की भक्ति में किया जाता है. माना जाता है कि इस व्रत से संतान को लंबी उम्र, अच्छा स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार यह व्रत केवल बच्चों के कल्याण के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार में शांति, सुरक्षा और सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए भी लाभकारी माना जाता है.

संतान प्राप्ति के लिए खास है ये व्रत

निसंतान महिलाएं भी इस व्रत का पालन कर संतान सुख की कामना करती हैं. हालांकि, यह व्रत निर्जला रखा जाता है और कठिन माना जाता है, लेकिन विधिपूर्वक पूजा और उपवास करने से माता अहोई की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है.

अहोई माता कौन हैं?

अहोई माता को मां पार्वती का स्वरूप माना जाता है. इन्हें खासतौर पर बच्चों की सुरक्षा और उनकी लंबी उम्र देने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इनकी पूजा करने से महिलाओं की कुंडली में ऐसे योग बनते हैं, जो बांझपन, गर्भपात, संतान की असमय मृत्यु और बच्चों से जुड़े अन्य संकटों को दूर करने में सहायक होते हैं.

पौराणिक कथा

पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, अहोई माता का रूप कभी साही (नेवला) के रूप में दिखाई दिया. कहा जाता है कि प्राचीन समय में एक महिला अपने पुत्रों के लिए जंगल में मिट्टी खोद रही थी और गलती से साही के बच्चों को मार देती है. बाद में वह महिला देवी से क्षमा याचना करती है. उसकी भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर देवी उसे आशीर्वाद देती हैं कि उसकी संतान हमेशा सुरक्षित रहेगी. तब से माताएं अहोई माता की पूजा करती हैं और अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-कल्याण की कामना करती हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button