राजनीति

बिहार के पिछले चुनाव के आंकड़े क्यों बढ़ा रहे बीजेपी की चिंता? 36 सीटों पर 3000 से कम का मार्जिन

नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी हर सीट के लिहाज से अलग रणनीति बना रही है। बूथ के हिसाब से पार्टी कार्यकर्ताओं को मैन टू मैन मार्किंग करने यानी हर वोटर के संपर्क में कार्यकर्ता रहें, ये कहा गया है। पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े बीजेपी की चिंता बढ़ा रहे हैं, क्योंकि कई कैंडिडेट मैदान में होने से पिछले विधानसभा चुनाव में 12 वोट के अंतर से भी जीत-हार तय हुई है।

एक घर भी ना छूटे

बीजेपी के एक नेता ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हम सिर्फ ये सोचकर खुश नहीं हो जाते कि माहौल हमारे पक्ष में है और सरकार ने काम किया है तो वोट मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम मैन टू मैन मार्किंग पर भरोसा कर रहे हैं। यानी हर एक वोटर को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए कहना है। उन्होंने कहा कि हमने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि एक भी घर ना छूटे।

चाहे हमें यह पता ही क्यों ना हो कि वे किसी और पार्टी के समर्थक हैं लेकिन तब भी हमारा काम है कि हम उनसे जाकर समर्थन की अपील करें। बीजेपी नेता ने कहा कि हमने पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों का भी डिटेल अध्ययन किया है और वोटिंग पैटर्न को समझा है।

पिछले चुनाव में 205 रजिस्टर्ड लेकिन गैरमान्यता प्राप्त पार्टी भी मैदान में

बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव में चार राष्ट्रीय पार्टियों के साथ, 4 राज्य पार्टी और चार दूसरे राज्यों की स्टेट पार्टी के साथ 205 रजिस्टर्ड लेकिन गैरमान्यता प्राप्त पार्टी भी चुनाव लड़ रही थी। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि अगर डेटा देखें तो ये 205 पार्टियों ने 1 सीट से लेकर 150 सीटों तक में अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनके 1510 कैंडिडेट थे।

तब हम पार्टी के चार, वीएसआईपी के 4 और सीपीआईएमएल के 12 उम्मीदवार जीते थे। लेकिन एक भी सीट न जीतने वाली रजिस्टर्ड पार्टियों को भी 1000 से लेकर चार लाख तक भी वोट मिले। 70 लाख से ज्यादा वोट नोटा में भी गए। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि जिन सीटों पर कांटे का मुकाबला है वहां ये नंबर गेम समझे बिना काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी हर मोर्चे पर अपनी तैयारी कर रही है।

36 सीटों पर 3000 से कम का मार्जिन

पिछले विधानसभा चुनाव में 36 सीटें ऐसी थी जिनमें जीत का अंतर 3000 वोटों से भी कम था। 5000 वोटों से कम के अंतर वाली सीट 50 थी। बीजेपी नेता ने कहा कि हम अपने उम्मीदवार के जीत का मार्जिन बढाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। जहां हमें लग रहा है कि यहां तो जीत ही जाएंगे, वहां भी जीत का अंतर बढ़ाने के लिए सभी जुटेंगे। 2020 के विधानसभा चुनाव में 58.7 पर्सेंट मतदान हुआ था। तब सिर्फ 16 पर्सेंट विधायकों ने ही 50 पर्सेंट या इससे अधिक वोट पाकर जीत दर्ज की। 84 पर्सेंट विधायकों ने 50 पर्सेंट से कम वोटों से जीत दर्ज की। 3 विधायकों की जीत का अंतर 200 से भी कम वोट का रहा।

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