भारत की अंतरिक्ष में बड़ी छलांग, ISRO के ‘बाहुबली’ मिशन की सफलता पर बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर अंतरिक्ष में अपना दबदबा साबित कर दिया है। इसरो ने बुधवार सुबह 8:54 बजे अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3-एम6) से अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के नेक्स्ट-जेनरेशन कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में लॉन्च किया। यह मिशन भारत के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होने वाला है। पीएम मोदी ने इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘भारत ने अंतरिक्ष में एक बड़ी छलांग लगाई है। LVM3-M6 मिशन की सफलता के साथ, भारत ने अपने धरती से अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट अमेरिका का BlueBird Block-2 है, जिसे उसकी सही कक्षा में स्थापित किया गया है। यह भारत के लिए एक गर्व का पल है।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘इस सफलता से भारत की भारी सैटेलाइट लॉन्च करने की क्षमता मजबूत हुई है। साथ ही, यह दुनिया भर में व्यावसायिक लॉन्च के बाजार में भारत की बढ़ती भूमिका को भी दिखाता है। यह उपलब्धि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे प्रयासों का भी एक प्रमाण है। हमारे मेहनती अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बहुत-बहुत बधाई। भारत अंतरिक्ष की दुनिया में लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है।’
जानें क्यों खास है ये मिशन
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, 43.5 मीटर ऊंचा एमवीएम3 तीन चरणों वाला रॉकेट है। इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है। इसे इसरो के ‘लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर’ ने विकसित किया है। लॉन्चिंग के लिए आवश्यक अत्यधिक थ्रस्ट प्रदान करने के लिए इस प्रक्षेपण यान में दो एस200 ठोस रॉकेट बूस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने डेवलप किया है। प्रक्षेपण के लगभग 15 मिनट बाद ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ उपग्रह के रॉकेट से अलग होने की उम्मीद है। ये 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर तैनात होगा। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन का उद्देश्य उपग्रह के जरिए सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। यह नेटवर्क दुनिया में कहीं भी, कभी भी, सभी के लिए 4जी और 5जी वॉयस-वीडियो कॉल, संदेश, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध कराएगा।




