छत्तीसगढ़

जहां खत्म होता पेट्रोल, वहीं छोड़ देते थे चोरी की बाइक

बलौदाबाजार: बीते कुछ दिनों से शहर में बाइक और टूव्हीर चोरी की घटनाएं बढ़ गई थी. पिछले कुछ महीनों से कभी घर के आंगन से मोटरसाइकिल गायब हो रही थी तो कभी खेत या तालाब के किनारे खड़ी गाड़ी हवा हो जाती. शुरुआत में लोगों ने सोचा, शायद कोई छोटा-मोटा चोर होगा, लेकिन जब घटनाएं सिलसिलेवार बढ़ने लगीं तो मामला गंभीर हो गया.

ये चोर ज्यादा प्रोफेशनल नहीं थे.उनका तरीका बड़ा अजीब था. किसी भी सुनसान जगह पर खड़ी मोटरसाइकिल पर उनकी नजर पड़ती और कुछ ही मिनटों में वे उसे लेकर निकल पड़ते. न तो कोई बड़ी योजना, न कोई गैरेज, न ही चोरी के वाहन बेचने का नेटवर्क. बस, पेट्रोल भर रहने तक बाइक दौड़ाते रहते, सड़कों पर मस्ती से घूमते और जैसे ही ईंधन खत्म होता, उसे वहीं लावारिस छोड़कर भाग निकलते.

पहली वारदात: पहंदा गांव से

अप्रैल 2025 की एक रात, ग्राम पहंदा निवासी शिवकुमार कोसले ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी एसपी 125 मोटरसाइकिल (CG22 Z9968) घर के परछी से चोरी हो गई है. उस वक्त यह बस एक मामला था, लेकिन पुलिस के रजिस्टर में यह सिलसिलेवार घटनाओं की शुरुआत साबित हुआ.

दूसरी वारदात: सितंबर की रात

23-24 सितंबर 2025 की रात, एक और बाइक गायब हुई. इस बार सीडी डीलक्स (CG22 X3451) घर के आंगन से चुराई गई.अब पुलिस समझने लगी थी कि यह कोई इक्का-दुक्का वारदात नहीं बल्कि एक गिरोह का काम है.

तीसरी घटना: पेट्रोल पंप से गायब बाइक

28 मई को अग्रवाल पेट्रोल पंप के कर्मचारी धनेश्वर कन्नौजे ने शिकायत दर्ज कराई. ड्यूटी के दौरान उनकी एचएफ डीलक्स (CG22 P2978) रातों-रात चोरी हो गई. कैमरों की फुटेज खंगालने पर पुलिस को दो युवकों की धुंधली छवि दिखाई दी.

चौथा और पांचवां मामला

27-28 अप्रैल की रात खम्हरिया चांपा गांव से और 27 मई को रिसदा गांव के तालाब किनारे से दो और मोटरसाइकिलें गायब हुईं. अब तक पांच रिपोर्ट दर्ज हो चुकी थीं और सभी में एक जैसे पैटर्न दिखाई दे रहे थे.

पुलिस की रणनीति: इस अनोखी स्टाइल ने पुलिस को भी हैरान कर दिया. लेकिन यह खेल ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाया. एसडीओपी और एएसपी के निर्देश पर सिटी कोतवाली पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालना शुरू किया. ग्रामीणों से पूछताछ हुई, संदिग्ध युवकों की लिस्ट बनी और आखिरकार पुलिस की नजर ग्राम मगरचबा के दो युवकों और उनके साथ घूमने वाले एक नाबालिग पर जा टिकी. पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया. शुरुआत में वे बात घुमाते रहे, लेकिन जब पुलिस ने फुटेज और गवाहों का हवाला दिया, तो सब खुल गया.

सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अजय झा ने बताया –”बीते कुछ महीनों से लगातार मोटरसाइकिल चोरी की शिकायतें मिल रही थीं. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हमने हर मामले को गंभीरता से लिया. घटनास्थल पर बारीकी से पूछताछ की गई, सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और संदिग्धों की निगरानी की गई. इसी आधार पर तीन आरोपियों को पकड़ा गया, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है. आरोपियों ने पूछताछ में पांच अलग-अलग चोरी की घटनाओं को कबूल किया है. उनकी निशानदेही पर छह मोटरसाइकिलें जब्त की गई हैं.”

थाना प्रभारी अजय झा ने आगे बताया “आरोपी चोरी की गाड़ियों का कोई व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं करते थे, बल्कि केवल मौज-मस्ती के लिए उन्हें चलाते थे. जैसे ही पेट्रोल खत्म होता, गाड़ियों को सुनसान जगह पर छोड़कर भाग जाते थे. हमने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है और नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने की प्रक्रिया चल रही है.”

कबूलनामे में निकली अजीब सच्चाई: पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे बाइक चोरी करके कहीं बेचते नहीं थे. न ही उनके पास कोई बड़ा गैंग था. बस, मस्ती और घूमने-फिरने के लिए बाइक चुराते थे. जैसे ही पेट्रोल खत्म होता, बाइक को सुनसान जगह छोड़कर भाग जाते. इस कबूलनामे के बाद पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर छिपाकर रखी गई छह मोटरसाइकिलें बरामद कीं.

गिरफ्तार आरोपी

  1. अनिल दास मानिकपुरी (23), निवासी ग्राम मगरचबा
  2. लुकेश कुमार पैकरा (23), निवासी ग्राम मगरचबा
  3. एक नाबालिग आरोपी

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