छत्तीसगढ़

राहुल गांधी को गोली मारने की धमकी पर भड़के कांग्रेसी, थाने का किया घेराव

 रायपुर. लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को गोली मारने वाले बयान के विरोध में कांग्रेसियों ने रायपुर के सिविल लाइन थाने का घेराव किया. इस दौरान कांग्रेस नेता गिरीश दुबे ने कहा, एक प्रदेश में दो कानून नहीं चलेगा. भाजपा सरकार डंडे के दम पर प्रदेश में सरकार चला रही है. राहुल गांधी पर दिए बयान मामले में भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. पुलिस विभाग के खिलाफ भी न्यायालयीन लड़ाई लड़ेंगे.

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि राहुल गांधी के ऊपर ऐसे ही बयान दिए जाने को लेकर असम, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, गुजरात सहित अनेकों प्रदेश में एफआईआर दर्ज किए गए हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता के ऊपर मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है. उपाध्याय ने बताया कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को गोली मारने के अशोभनीय बयान को लेकर केरला बीजेपी प्रवक्ता पिन्टू अमित महादेव के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने 29 सितंबर को बड़ी संख्या में कांग्रेसी सिविल लाइन थाना पहुंचे थे और एफआईआर की मांग को लेकर आवेदन दिए थे, लेकिन आज तक बीजेपी प्रवक्ता पिन्टू अमित महादेव के ऊपर एफआईआर नहीं की गई है.

विकास उपाध्याय ने कहा, पश्चिम बंगाल की सांसद महुआ मोईत्रा ने देश के गृहमंत्री अमित शाह को लेकर बयान दिया था और माना थाने में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एफआईआर कराई गई है, जबकि राहुल गांधी के ऊपर ऐसे ही बयान दिए जाने को लेकर असम, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, गुजरात सहित अनेकों प्रदेश में एफआईआर दर्ज किए गए हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता के ऊपर मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है। अब क्या एक प्रदेश में दो कानून चलेगा? पुलिस प्रशासन भाजपा की कठपुतली बन चुकी है।

उपाध्याय ने कहा कि पुलिस थाने का नामकरण एकात्म परिसर कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि आज तत्काल बीजेपी केरला प्रवक्ता पिन्टू अमित महादेव के ऊपर एफआईआर दर्ज नहीं किया जाता है तो हम न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे और पुलिस विभाग के खिलाफ भी न्यायालयीन लड़ाई लड़ेंगे. भाजपा के नेता कान खोलकर सुन लें, कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता राहुल गांधी के पीछे खड़ा है. ऐसी स्थिति में पहली गोली उनके कार्यकर्ता खायेंगे, अब कितनों को गोली मारना है यह पहले तय कर लें, क्योंकि देश के आजादी के बाद महात्मा गांधी को ऐसी विचारधारा के लोगों ने ही गोली मारकर हत्या की थी.

इस दौरान गिरीश दुबे, विकास उपाध्याय, प्रमोद दुबे, पंकज शर्मा, प्रमोद चौबे, कन्हैया अग्रवाल, श्रीकुमार मेनन, सूर्यमणी मिश्रा, दीपा बग्गा, देवकुमार साहू, मुन्ना मिश्रा, श्रीनिवास राव, सुंदर लाल जोगी, अन्नू राम साहू, संदीप तिवारी, आसिफ मेमन, विकास अग्रवाल, दलजीत चावला, मुमताज खान, दिलीप चौहान, योगेश दीक्षित, प्रकाश जगत, अभय सिंह ठाकुर, कोमल अग्रवाल, अभिनव दुबे, बंशी कन्नौजे, बीरेश शुक्ला, शिव श्याम शुक्ला सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे.

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