छत्तीसगढ़

दूसरों की जान बचाते हुए खुद हार गए जिंदगी की जंग: इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने 3 दिन बाद तोड़ा दम

मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी। दूसरों के जीवन को बचाने की ड्यूटी निभाते हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए 108 एंबुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) घनश्याम साहू ने आज रायपुर के निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। बीते 22 अक्टूबर की रात मानपुर थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे-930 पर खड़ी ट्रक से टकराई एंबुलेंस में घनश्याम आगे की सीट पर बैठे थे। भिड़ंत इतनी जोरदार थी कि उन्हें सिर और छाती में गंभीर चोटें आईं। तीन दिन वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आज उन्होंने अंतिम सांस ली।

मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डॉ. गिरीश खोबरागड़े ने मौत की पुष्टि करते हुए बताया, “घनश्याम की हालत शुरू से ही नाजुक थी। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज से तुरंत रायपुर रेफर किया गया था, लेकिन चोटें इतनी गहरी थीं कि उन्हें बचाया नहीं जा सका।“

15 साल से नक्सल प्रभावित इलाके में सेवा

मूल रूप से बालोद जिले के रहने वाले 45 वर्षीय घनश्याम साहू करीब डेढ़ दशक से मानपुर में 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े थे। जब से छत्तीसगढ़ में 108 सेवा शुरू हुई, तब से वे यहीं तैनात थे। नक्सल प्रभावित बीहड़ जंगलों और दुर्गम गांवों में रात-दिन मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का जिम्मा उन्होंने बखूबी निभाया। सड़क दुर्घटना के शिकार, गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमार—हर हाल में घनश्याम एंबुलेंस के साथ मौजूद रहते थे। कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। मास्क, पीपीई किट और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ वे उन गांवों तक पहुंचे, जहां कोई डॉक्टर या वाहन नहीं जाता था।

हादसे की रात: तीन किमी दूर ही टकराई एंबुलेंस

22 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे घनश्याम और चालक दुकालू राम यादव मानपुर सीएचसी से एक रेफर मरीज को राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे। तुमड़ीकसा मोड़ से महज तीन किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर अंधेरे में खड़ा ट्रक दिखाई नहीं दिया। तेज रफ्तार एंबुलेंस सीधे ट्रक के पिछले हिस्से से जा भिड़ी। सामने का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।घनश्याम को सिर में गहरी चोट और छाती में फ्रैक्चर हुआ। चालक दुकालू को मामूली खरोंचें आईं, जबकि पीछे बैठे मरीज और उनके दो परिजनों को हल्की चोटें लगीं।

ग्रामीणों और पुलिस की मदद से सभी को तुरंत मानपुर सीएचसी लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद घनश्याम को राजनांदगांव और फिर रायपुर रेफर कर दिया गया था।

परिवार में कोहराम, स्वास्थ्य विभाग में शोक

घनश्याम की मौत की खबर जैसे ही मानपुर पहुंची, पूरे इलाके में मातम छा गया। पत्नी और दो बच्चे सहित पूरा परिवार बालोद से रायपुर अस्पताल पहुंचा, लेकिन कुछ नहीं हो सका। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और स्थानीय लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

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