छत्तीसगढ़

 बारुद बिछाकर जंगली सूअर का शिकार, 5 गिरफ्तार

कोरबा: अब तक जंगलों में बिजली के तार बिछाकर ग्रामीण जानवरों का शिकार करते थे, लेकिन अब बारूद बिछाकर जानवर के शिकार का केस सामने आया है. कोरबा वन मंडल अंतर्गत करतला रेंज के संडैल में यह आपत्तिजनक घटना प्रकाश में आई है. यहां जंगली सूअर का शिकार करने के लिए ग्रामीणों ने बारूद बिछाकर उसके चिथड़े उड़ा दिए और फिर उसे साफ करने के बाद तौल कर ग्रामीणों को बांटा भी गया.

 वन विभाग की टीम ने बारूद लगाकर जंगली सूअर का शिकार करने के आरोप में 5 कथित आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं दो अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है. आरोपी, सूअर मारने के बाद करीब डेढ़ किलो मांस रखे हुए थे और बाकी मांस फरार आरोपी ले गए.

जानकारी के अनुसार जंगली सूअरों का शिकार करने के लिए आरोपी करंट लगाते थे. खेतों में अभी धान की फसल लगी हुई है. धान खाने के लिए ही जंगली सूअर सहित अन्य वन्य प्राणी खेतों के आसपास पहुंचते हैं. ग्राम सैंडल निवासी आरोपी ने जंगली सूअर को मारने के लिए बारूद लगा दिया था.

बारुद की चपेट में एक सूअर आया और उसके चिथड़े उड़ गए, सूचना पर करतला रेंजर के साथ वन विभाग की टीम गांव में पहुंची. जांच के दौरान ग्रामीण के घर से जंगली सूअर का मांस बरामद हुआ. जहां बारूद लगाया गया था, वहां भी जांच करने पर मामले का पता चला. वन विभाग के अनुसार आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल किया है.

 बारूद बिछाकर जंगली सूअर का शिकार करने के मामले में वन विभाग ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस केस में ग्राम बुंदेली का रहने वाला एक आरोपी फरार है. उसी ने बारूद लगाने में मदद की थी.

 बरपाली वन परिक्षेत्र अधिकारी हरिनारायण बंजारे ने बताया कि हमें जानकारी मिली की बारूद लगाकर जंगली सूअर का शिकार किया गया है. बरपाली सर्किल से हमने टीम गठित की और जंगल में छिपकर बैठे हुए थे. इतने में कुछ लोग सूअर का मांस लेकर वहां से गुजर रहे थे. पूछताछ करने पर पूरा मामला खुल गया. जिन आरोपियों की गिरप्तारी हुई है. उनके नाम मानस लाल, होरीलाल, नरेंद्र कुमार, सुकवारा बाई और सूरज हैं. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.

आरोपियों के घर की तलाशी ली गई, जहां बारूद लगाया गया था. वहां से भी जानवर के पंजे और अन्य अंग बरामद किए गए. इन्हें जब्त किया गया है. वन्य जीव प्राणी अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. न्यायालय से आरोपियों को जेल दाखिल कर दिया गया है- हरिनारायण बंजारे, वन परिक्षेत्र अधिकारी, बरपाली

इस घटना में सबसे चौंकाने वाला खुलासा बारूद का खरीदना है और उससे जानवर का शिकार करना है. पुलिस और वन विभाग दोनों ही के लिए या जांच का विषय है कि ग्रामीणों के पास बारूद कहां से आया. इतनी आसानी से उन्हें बारूद जैसा संवेदनशील और आपत्तिजनक वस्तु कैसे प्राप्त हुआ. वन विभाग की तफ्तीश में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने 3500 रुपये में बारुद खरीदे थे. इस बारूद का उपयोग पत्थर खदानों में होता है. कोयला खदानों में भी इसी बारूद का उपयोग किया जाता है.

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