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पीएम विकसित भारत रोजगार योजना: कर्मचारियों को 15 हजार अधिकतम और नियोक्ता को 3 हजार मिलेंगे प्रतिमाह

जयपुर: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) राजस्थान अंचल के प्रभारी एवं अपर केंद्रीय आयुक्त अजीत कुमार ने हाल ही में शुरू की गई प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PMVBRY), कर्मचारी नामांकन अभियान-2025 एवं ईपीएफओ के हालिया पहलों, सुधारों एवं नवाचारों के बारे में जानकारी दी. अजीत कुमार ने गुरुवार को बताया कि 1 अगस्त, 2025 से शुरू की गई प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार सृजन को बढ़ावा देना एवं कामगारों की सामाजिक सुरक्षा तय करना है. यह योजना 1 अगस्त 2025, से 31 जुलाई, 2027 (दो वर्ष) तक जारी रहेगी. जिसके अंतर्गत 1 लाख रुपए तक मासिक वेतन प्राप्त करने वाले नए कर्मचारियों को अधिकतम 15000 रुपए तक का लाभ दिया जाएगा. इसके अलावा पात्र संस्थानों को प्रत्येक नए रोजगार सृजन पर अधिकतम 3000 रुपए तक प्रति कर्मचारी प्रति माह का वित्तीय प्रोत्साहन भी मिलेगा.

कर्मचारी नामांकन अभियान-2025 शुरू: अजीत कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत कर्मचारी को न्यूनतम 6 माह के लिए नियुक्त रखना अनिवार्य है तथा योजना का लाभ दो वर्षों तक देय होगा. विनिर्माण (मैनुफेक्चुरिंग) क्षेत्र के लिए यह लाभ अतिरिक्त दो वर्षों के लिए बढ़ाया जाएगा. इस प्रकार यह योजना देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. इसके अतिरिक्त ईपीएफओ द्वारा कर्मचारी नामांकन अभियान-2025 शुरू किया गया है, जो 1 नवम्बर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक चलेगा. इस दौरान ईपीएफ कवरेज/सदस्यता से छूटे हुए पात्र कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.

पेंशनभोगियों को ये सुविधा: अजीत कुमार ने बताया कि पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए हाल ही में ईपीएफओ ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के साथ एक समझौता किया है. जिसके तहत आईपीपीबी अपने 1.65 लाख डाकघरों और बायोमेट्रिक उपकरणों से लैस 3 लाख से अधिक डाकियों/ग्रामीण डाक सेवकों के नेटवर्क का उपयोग करके ईपीएफओ पेंशनभोगियों को घर बैठे फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलोजी (FAT) या फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में मदद करेगा. यह सेवा निशुल्क होगी ओर इसका सारा खर्च ईपीएफओ वहन करेगा.

ईपीएफओ दावा सरलीकरण: अजीत कुमार ने बताया कि ईपीएफओ ने दावा फाइल करने की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए सभी सदस्यों के लिए ईपीएफ दावा करते समय स्कैन किए गए चैक या बैंक पासबुक अपलोड करने की आवश्यकता समाप्त कर दी है. सदस्य अब बैंक सत्यापन के बाद नियोक्ता की अनुमति के बिना अपने बैंक खाते को अपने यूएएन से लिंक कर सकते हैं. पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) प्रणाली लागू की गई है. जिसके अंतर्गत वे देशभर के किसी भी बैंक से पेंशन प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही नियोक्ताओं की सुविधा के लिए संशोधित इलेक्ट्रॉनिक चालान-सह-रिटर्न (ECR) फाइलिंग प्रणाली शुरू की गई है.

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