छत्तीसगढ़

गोली फेफड़ों को चीरते हुए दिल में जा धंसी, अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट सर्जरी विभाग ने ओपन हार्ट सर्जरी कर निकाली

रायपुर। पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट की हार्ट सर्जरी टीम ने एक अत्यंत जोखिमपूर्ण और जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक कर नई उपलब्धि हासिल की है. छाती में फेफड़ों को चीरते हुए दिल में जा धंसी गोली को अस्पताल के हार्ट सर्जरी विभाग के डॉ. कृष्णकांत साहू की टीम ने ओपन हार्ट सर्जरी कर निकाला.

महाराष्ट्र बॉर्डर क्षेत्र का 40 वर्षीय मरीज बंदूक की गोली लगने से गंभीर अवस्था में अस्पताल के ट्रॉमा यूनिट में लाया गया था. हार्ट सर्जरी विभाग में डॉ. कृष्णकांत साहू एवं टीम ने राइट एट्रियम के जरिए ट्राइकस्पिड वाल्व पार करते हुए राइट वेंट्रिकल में धँसी गोली को निकाला और जटिल केस में मरीज की जान बचाते हुए एक और उपलब्धि अपने नाम दर्ज की.

डॉक्टरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ या सेंट्रल इंडिया में संभवत: पहला केस जिसमें दिल में गोली लगने के बाद मरीज को बचाया गया हो. ऑपरेशन में सबसे बड़ा चैलेंज हार्ट के अंदर धँसी हुई बुलेट को ढूंढना था. इस ऑपरेशन में लगभग 4 घंटे का समय लगा एवं लगभग 7 यूनिट ब्लड की आवश्यकता पड़ी. इस मरीज के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है एक-दो दिनों बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

इस ऑपरेशन में शामिल टीम में हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू के साथ कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. संकल्प दीवान, डॉ. बालस्वरूप, परफ्यूशनिस्ट अंकिता और डिगेश्वर, सर्जरी पीजी डॉ. रेशम सिंह, एनेस्थीसिया टेक्नीशियन भूपेंद्र, हरीश, नर्सिंग स्टाफ राजेंद्र, चोवा, दुष्यंत, मुनेश, प्रियंका, जागृति, तेजेंद्र, नरेंद्र, शिवा, फिजिशियन असिस्टेंट नूतन, जूनियर डॉ. संजय त्रिपाठी, डॉ. ख्याति, डॉ. आयुषी खरे शामिल थे.

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