महाराष्ट्र

पुणे, ठाणे, सतारा समेत महाराष्ट्र के 15 जिलों में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव स्थगित

मुंबई : महाराष्ट्र की कई नगर-पालिका व नगर-पंचायतों के चुनाव को राज्य चुनाव आयोग ने स्थगित कर दिया है। इस फैसले पर घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने इसे बीजेपी की साश करार दिया। वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे खुद गलत बताया है। सीएम ने कहा, यह निर्णय उम्मीदवारों के साथ अन्याय है। इस निर्णय को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और विरोधी दल कांग्रेस ने भी गलत बताया है।

यहां के चुनाव रोके गए

राज्य की 246 नगर पालिका और 42 नगर पंचायतों के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। मंगलवार (2 दिसंबर) को मतदान होना था। इससे पहले ही आयोग ने 25 स्थानीय निकाय की परिषदों व नगर-पंचायतों के चुनाव टाल दिए। ठाणे (अंबरनाथ), बारामती, अमरावती, अहिल्यानगर, नांदेड़, सोलापुर, यवतमाल, धाराशिव, चंद्रपुर, अकोला, पुणे समेत कई इलाकों में चल रही चुनाव प्रक्रिया को आयोग ने तुरंत रोक दिया है। अब यहां मतदान 20 दिसंबर को होगा।

‘उम्मीदवारों की पूरी मेहनत बर्बाद हो गई’

सोमवार को पैठण में चुनावी रैली के बाद सीएम फडणवीस ने कहा, मैं नहीं जानता कि निर्वाचन आयोग किससे सलाह ले रहा है, लेकिन कानून के अनुसार, किसी व्यक्ति के अदालत का रुख करने मात्र से चुनाव स्थगित नहीं किए जा सकते। मुख्यमंत्री ने इससे उम्मीदवारों की पूरी मेहनत बर्बाद हो गई है।

सीएम ने कहा, जिन्होंने ईमानदारी से तैयारी की और जो कार्यकर्ता मेहनत कर रहे थे, उनके साथ यह अन्याय है। हम चुनाव आयोग को इस बारे में प्रतिनिधित्व देंगे। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य चुनाव आयोग के स्थगन को गलत बताते हुए इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा, एक बार प्रक्रिया शुरू होने के बाद चुनाव कभी नहीं रोके जाते। उन्होंने इस पर और जानकारी जुटाने की बात कही।

आयोग के निर्णय पर आश्चर्य : सपकाल

वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, चुनाव आयोग का निर्णय आश्चर्यजनक और अकल्पनीय है। यदि कहा जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के आधार पर चुनाव स्थगित किए गए हैं, तो यह आदेश 22 नवंबर को आया था। फिर 30 नवंबर तक यानी पूरे 8 दिनों तक चुनाव आयोग क्या सो रहा था? स्थानीय निकायों के चुनाव लगभग 10 वर्षो बाद हो रहे हैं। ये चुनाव मूल रूप से कार्यकर्ताओं के चुनाव होते हैं, लेकिन यहां भी भारी गड़बड़ी पैदा की गई। पहले नामांकन प्रक्रिया जटिल बनाई गई, मतदाता सूची में भारी घोटाला किया गया, मतदाता सूचियों में 2-2 और 3-3 नाम दिखाए गए। चुनाव घोषित होने के बाद आरक्षण मुद्दे पर कोर्ट के निर्देशों के कारण कई नगर-पंचायतों का भविष्य अधर में लटक गया, क्योंकि कुछ प्रभागों के चुनाव स्थगित कर नया कार्यक्रम घोषित किया गया।

शिवसेना यूबीटी ने साधा निशाना

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने महाराष्ट्र में कुछ स्थानीय निकायों के चुनाव स्थगित करने के राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले को लेकर सत्तारूढ़ महायुति पर सोमवार को निशाना साधा। पार्टी ने फैसले को एक राजनीतिक समझौता करार दिया, जिसका मकसद महायुति सरकार को चुनावी तैयारियों के लिए अतिरिक्त समय देना है। शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि यह निर्वाचन आयोग की मदद से चुनाव की तैयारियों के लिए अतिरिक्त समय हासिल करने के लिए किया गया एक राजनीतिक समझौता है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो मतदान स्थगित नहीं किया जाता। लेकिन इस बार मतदान स्थगित कर दिया गया है।

महाराष्ट्र में चुनाव स्थगित वॉर्डों की लिस्ट

पुणे
बारामती नगर परिषद: 41 सीटें

अहिल्यानगर
देवलाली प्रवरा नगर परिषद: 21 सीटें
कोपरगांव नगर परिषद: 30 सीटें
पाथर्डी नगर परिषद: 20 सीटें
नेवासा नगर पंचायत: 17 सीटें

लातूर
रेणापुर नगर पंचायत: 17 सीटें

सतारा
महाबलेश्वर नगर परिषद: 20 सीटें
फलटण नगर परिषद: 27 सीटें

सोलापुर
मंगलवेढ़ा नगर परिषद: 20 सीटें
अनगर नगर पंचायत: 17 सीटें

यवतमाल
यवतमाल नगर परिषद: 58 सीटें

वाशिम
वाशिम नगर परिषद: 32 सीटें

चंद्रपुर
घुग्घुस नगर परिषद: 22 सीटें

वर्धा
देवली नगर परिषद: 20 सीटें

बुलढाणा
देऊळगाव राजा नगर परिषद: 21 सीटें

अकोला
बालापूर नगर परिषद: 25 सीटें

हिंगोली
समतनगर नगर परिषद: 30 सीटें

नांदेड़
धर्माबाद नगर परिषद: 22 सीटें
मुखेड नगर परिषद: 20 सीटें

छत्रपति संभाजीनगर
फुलंब्री नगर पंचायत: 17 सीटें

ठाणे
अंबरनाथ नगर परिषद: 59 सीटें

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