महाराष्ट्र

कौन हैं साई जाधव, जिन्होंने तोड़ा 93 साल का रिकॉर्ड, टेरिटोरियल आर्मी की पहली महिला लेफ्टिनेंट बनीं

कोल्हापुर: 23 वर्षीय साई जाधव ने भारतीय सैन्य इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) से पास आउट होने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया है। उनकी कमीशनिंग के साथ ही 93 वर्षों का वह इंतजार खत्म हो गया, जो 1932 में IMA की स्थापना के बाद से चला आ रहा था। अब तक इस प्रतिष्ठित अकादमी से 67 हजार से अधिक ऑफिसर कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं, लेकिन इनमें कोई भी महिला शामिल नहीं थी। साई जाधव की यह उपलब्धि न केवल एक व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि भारतीय सेना में बदलते दौर और महिलाओं के लिए खुलते नए अवसरों का प्रतीक भी है।


टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट बनीं
साई जाधव को टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन मिला है। इसके साथ ही वह IMA से टेरिटोरियल आर्मी में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। यह उपलब्धि उन्हें उस शाखा में भी विशेष पहचान दिलाती है, जहां पहले से महिलाओं की भागीदारी रही है, लेकिन IMA के माध्यम से यह मुकाम पहली बार हासिल हुआ है। साई जाधव की इंडियन मिलिट्री एकेडमी में एंट्री विशेष अनुमति के तहत हुई, जिसके बाद उन्होंने छह महीने की कठोर सैन्य ट्रेनिंग पूरी की। यह ट्रेनिंग पुरुष कैडेट्स के साथ, समान मानकों और शर्तों पर हुई, जहां उनसे वही अनुशासन, फिटनेस और नेतृत्व क्षमता की अपेक्षा की गई जो रेगुलर कोर्स के कैडेट्स से होती है।

कौन हैं साई जाधव
साई की शुरुआती पढ़ाई कर्नाटक के बेलगाम से शुरू हुई और उनके पिता की विभिन्न सैन्य पोस्टिंग्स के कारण कई राज्यों में आगे बढ़ी। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की और सर्विस सिलेक्शन बोर्ड में चयनित हुईं। वहां उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें IMA में ट्रेनिंग का अवसर मिला। उनके परदादा ने ब्रिटिश सेना में सेवाएं दी थीं, उनके दादा भारतीय सेना में कमीशंड अधिकारी रहे, जबकि उनके पिता संदीप जाधव वर्तमान में भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। साई जाधव इस तरह परिवार की चौथी पीढ़ी बन गई हैं, जिसने देश सेवा के लिए वर्दी पहनने का संकल्प लिया है। पासिंग-आउट सेरेमनी के दौरान जब उनके माता-पिता ने उनके कंधों पर सितारे लगाए, तो वह पल भावुक और ऐतिहासिक बन गया, जिसे वहां मौजूद हर व्यक्ति ने तालियों के साथ सराहा।

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