मोबाइल चार्जर असली है या नकली? इन 3 तरीकों से चुटकियों में कर लें पता ताकि बैटरी रहे 100% सुरक्षित

Mobile Charge Fake or Real: अक्सर ऐसा होता है कि हम नया मोबाइल चार्जर खरीदते हैं, लेकिन फिर भी यह तेजी से काम नहीं करता। बैटरी को धीमा चार्ज करता है। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि मोबाइल चार्जर नकली हो सकता है। लेकिन आप चाहें तो असली और मोबाइल चार्जर को पहचान सके हैं।
आजकल बाजार में मोबाइल चार्जर की बहुत सारी नकली कॉपियां बिक रही हैं। खासकर ओपो, रियलमी या वनप्लस जैसे ब्रांड के सुपरवूक फास्ट चार्जर की नकली कॉपी बिक रही हैं। ये नकली चार्जर सस्ते होते हैं, लेकिन इनसे फोन की बैटरी खराब हो सकती है, चार्जिंग धीमी हो सकती है या कभी-कभी आग लगने का खतरा भी होता है। इसलिए चार्जर खरीदते समय सावधानी बरतें। असली चार्जर महंगा होता है, लेकिन वो सुरक्षित और तेज चार्जिंग देता है। चलिए जान लेते हैं कि आप आसानी से असली और नकली चार्जर की पहचान कैसे कर सकते हैं।
असली चार्जर पर एक QR कोड और सीरियल नंबर लिखा होता है। ये दोनों चीजें चार्जर के पीछे या नीचे की तरफ होती हैं। सबसे पहले अपना फोन निकालें और गूगल लेंस ऐप खोलें। क्यूआर कोड को स्कैन करें। स्कैन करने पर एक लंबा नंबर आएगा, जो आमतौर पर 27 अंकों का होता है। अब चार्जर पर लिखे सीरियल नंबर को देखें, जो 16 अंक या अक्षरों का होता है। क्यूआर कोड से मिले नंबर के आखिरी 16 अंक चार्जर के सीरियल नंबर से बिलकुल मैच करने चाहिए। अगर मैच नहीं करता, तो चार्जर नकली है।
असली चार्जर की बनावट बहुत अच्छी होती है। इसे हाथ में लेकर किनारों पर उंगली फेरें। अगर कहीं प्लास्टिक का अतिरिक्त टुकड़ा निकला हुआ लगे, कटिंग साफ नहीं है या किनारे ऊपर-नीचे हैं, तो चार्ज नकली हो सकता है। असली चार्जर में प्लास्टिक स्मूथ और साफ कटा हुआ होता है, कोई हिस्सा बाहर नहीं निकला होता है। केबल को भी चेक करें, असली केबल में रबर या प्लास्टिक एकदम साफ और मजबूत होता है। नकली में अक्सर खराब फिनिश दिखती है। प्रिंटिंग भी देखें, असली में कंपनी का नाम, लोगो और स्पेसिफिकेशन साफ और सही लिखे होते हैं। नकली में स्पेलिंग गलत या धुंधली प्रिंटिंग हो सकती है।
चार्जर को फोन में लगाएं और देखें कि क्या फ्लैश चार्ज का एनिमेशन आता है। लॉक स्क्रीन पर सुपरवूक का स्पेशल एनिमेशन या बैटरी आइकन के पास फास्ट चार्जिंग का संकेत दिखना चाहिए। अगर चार्जर आपके फोन के साथ कम्पैटिबल नहीं है, तो एनिमेशन नहीं आएगा। चार्जर को हिलाकर देखें, अगर अंदर से आवाज आए जैसे कुछ ढीला है, तो नकली हो सकता है। असली चार्जर में कोई आवाज नहीं आती। चार्जिंग स्पीड भी चेक करें, असली चार्जर फोन को बहुत तेजी से चार्ज करता है। ये तरीके मिलाकर इस्तेमाल करें तो सही पता चल जाएगा।
हमेशा चार्जर कंपनी के अधिकृत स्टोर या विश्वसनीय जगह से खरीदें। सस्ते चार्जर से बचें, क्योंकि वो फोन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर शक हो तो सर्विस सेंटर में दिखाएं। नकली चार्जर से बैटरी जल्दी खराब होती है और सुरक्षा का खतरा रहता है। इन तरीकों से आप आसानी से धोखे से बच सकते हैं। सुरक्षित रहें और असली सामान ही इस्तेमाल करें।




