दिल्ली में पाबंदियों का नहीं हुआ असर, प्रदूषण में ट्रांसपोर्ट की हिस्सेदारी बढ़ी, एक्सपर्ट बोले- प्लानिंग में कमी

नई दिल्ली: गुरुवार से राजधानी में गाड़ियों पर कई तरह के नए प्रतिबंध लगाए गए। इसके बावूजूद गुरुवार को राजधानी के प्रदूषण में ट्रांसपोर्ट सेक्टर का योगदान अधिक रहा। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के अनुसार, बुधवार को राजधानी में प्रदूषण की हिस्सेदारी 16.32 प्रतिशत थी। यह गुरुवार की बढ़कर 18.32 प्रतिशत तक हो गई। गाड़ियों पर कई तरह की पाबंदियों के बावजूद गुरुवार को प्रदूषण में ट्रांसपोर्ट की हिस्सेदारी दी प्रतिशत तक बढ़ी।
एक्सपर्ट के अनुसार, ट्रांसपोर्ट की प्रदूषण में हिस्सेदारी बढ़ने की कई वजह हो सकती हैं। सीएसई की अनुमिता रायचौधरी के अनुसार, प्रदूषण जब गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है या स्मॉग बहुत अधिक होता है तो कम उत्सर्जन भी प्रदूषण को कई गुना बढ़ाता है। गुरुवार को यही स्थिति बनी रही। इसलिए गाड़ियों से जो मी धुआं निकल रहा है, वह निचली सतह पर ही बना हुआ है। उसे ऊपर फैलने की जगह नहीं मिल रही है। इसलिए ऐसे एपिसोड से पहले इस तरह के कदम उठाने की जरूरत है।
प्लानिंग में कुछ कमियां
इसी वजह से GRAP को पूर्वानुमान के अनुसार तीन दिन पहले लागू करने का नियम है। इसका लॉजिक यही है कि स्मॉग और गंभीर प्रदूषण के समय सोर्स कम से कम रहे। लेकिन इस समय हमारा पूर्वानुमान भी सही नहीं हो रहा है। प्लानिंग में भी कुछ कमियां है। नवंबर-दिसंबर के लिए हमें पहले से ही इस तरह की तैयारियां करनी चाहिए कि ऐसे कदम तुरंत उठा सकें।
पावर प्लांट ओपन बर्निंग पर सख्त नियम की जरूरत
एनवायरोकेटालिस्ट सुनील दहिया ने बताया कि GRAP के तहत कदम सख्त है, इनका पालन नहीं हो रहा है। पावर प्लांट ओपन बर्निंग पर सख्ती की जरूरत है। जिस तरह अभी गाड़ियों, झज्जर और सोनीपत आदि से अधिक प्रदूषण आ रहा है, आने वाले कुछ दिनों में ओपन बर्निंग का प्रदूषण बढ़ेगा। ऐसे में प्लानिंग ट्रेंड के अनुरूप होनी चाहिए।



