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अटूट साहस, दृढ़ संकल्प और अनुशासन… पीएम मोदी ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर की ये खास अपील

नई दिल्ली: सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बहादुर सैनिकों को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि वह उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जो अटूट साहस के साथ हमारे देश की रक्षा करते हैं। उनका अनुशासन, दृढ़ संकल्प और भावना हमारे लोगों की रक्षा करती है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सैनिकों का संकल्प ही हमारे देश को मजबूत बनाता है। उनकी प्रतिबद्धता हमारे देश के प्रति कर्तव्य, अनुशासन और समर्पण का एक शक्तिशाली उदाहरण है। आइए हम भी सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में योगदान दें।

क्यों मनाया जाता है सशस्त्र सेना झंडा दिवस?

इस दिन को मनाने के पीछे की वजह शहीद सैनिकों को याद करना और सशस्त्र बलों के लिए धन का संग्रह करना है। इसकेआयोजन का एक कारण सेना के प्रति सम्मान का इजहार करना भी है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस के दिन जल, थल और वायु सेना के प्रतिकात्मक छोटे झंडे भी वितरित किए जाते हैं, जिसके बदले देश के नागरिक दान देते हैं। देश के लिए कुर्बान हुए सैनिकों के प्रति यह अपनी भागीदारी निभाने का बड़ा तरीका भी है।

क्या है सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास?

सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास बहुत पुराना है। दरअसल, सरकार ने आजादी के बाद शहीद सैनिकों के परिवारों और साथ ही शारीरिक तौर पर अक्षम सैनिकों के लिए धन जुटाने की शुरुआत की। इसके तहत 28 अगस्त साल 1949 को तब देश के रक्षामंत्री बलदेव सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। समिति का गठन रक्षाकर्मियों के कल्याण को ध्यान में रखते ही किया गया।

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