राजनीति

उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र सरकार ने बनाया चेयरमैन, निकाय चुनावों के बीच फडणवीस का तगड़ा दांव

मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के बीच में महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़े फैसले से चौंका दिया है। राज्य सरकार ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की याद में बनाए जा रहे राष्ट्रीय स्मारक का उद्धव ठाकरे को चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। इस सीएम देवेंद्र फडणवीस के बड़े मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार ने ऐसे वक्त पर बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक सार्वजनिक न्यास का पुनर्गठन किया जब राज्य में चुनावी सरगर्मी बढ़ी हुई है। इतना ही नहीं आने वाले दिनों में मुंबई में भी चुनाव होने हैं। सरकार के इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना यूबीटी पर एक बड़े मुद्दे पर हमला नहीं बोल पाएगी। गौरतलब हो कि बाल ठाकरे की विरासत पर उद्धव ठाकरे के साथ एकनाथ शिंदे भी दावा करते हैं। ऐसे में इस फैसले को कई तरीके से देखा जा रहा है।

उद्धव ठाकरे को बनाया गया चेयरमैन
महाराष्ट्र सरकार ने एक बार फिर बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक सार्वजनिक न्यास का पुनर्गठन किया है। मुंबई में हुई पुनर्गठन बैठक के दौरान, समिति ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे का स्मारक वर्तमान में मुंबई के दादर इलाके में शिवाजी पार्क स्थित महापौर बंगले में बनाया जा रहा है। सरकार ने शनिवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए बाल ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे को चार अन्य सदस्यों के साथ इस न्यास में नियुक्त किया, जो स्मारक के निर्माण की देखरेख कर रहा है।

स्मारक के न्याय में और कौन-कौन?
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, पूर्व मंत्री सुभाष देसाई को न्यास का सचिव नियुक्त किया गया है, जबकि वर्तमान में विधायक और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे को सदस्य बनाया गया है। बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक सार्वजनिक न्यास में विधायक पराग अलवानी और पूर्व विधायक शिशिर शिंदे भी सदस्य होंगे। इसके अलावा पांच पदेन सदस्य भी ट्रस्ट का हिस्सा होंगे। इसमें महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (शहरी विकास-II), प्रमुख सचिव (कानून और न्यायपालिका), बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त, और सामान्य निकाय द्वारा चुने जाने वाले सदस्यों के लिए दो सीटें आरक्षित है। आदेश के अनुसार अध्यक्ष और सदस्यों सुभाष देसाई और आदित्य ठाकरे का कार्यकाल पांच साल का होगा, जबकि अलवानी और शिंदे तीन साल के लिए कार्य करेंगे।

उद्धव ठाकरे ने दे दिया था इस्तीफा
सरकार ने देसाई को बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट्स एक्ट, 1950 और सहकारी समिति पंजीकरण अधिनियम, 1960 के तहत चैरिटी कमिश्नर के पास ट्रस्ट की संरचना में बदलावों को पंजीकृत करने के लिए भी अधिकृत किया है। पब्लिक ट्रस्ट की स्थापना मूल रूप से 27 सितंबर, 2016 को एक सामान्य सहमति के माध्यम से की गई थी। जिसके अध्यक्ष उद्धव ठाकरे थे। ट्रस्ट के सदस्यों का प्रारंभिक तीन साल का कार्यकाल भी समाप्त होने के बाद उन्होंने 25 नवंबर, 2019 को पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आदित्य ठाकरे को ट्रस्ट का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। पदेन सदस्यों को छोड़कर सभी का कार्यकाल 11 मार्च, 2025 को समाप्त हो गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button