एंबुलेंस में मृत बच्चे ने लिया जन्म, रास्ते में प्रसूता की भी मौत

सरगुजा: सूरजपुर जिले के ग्राम लाछा निवासी 37 वर्षीया कविता पति आदित्य सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने सूरजपुर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया. जहां से गर्भवती महिला को तड़के सुबह अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया.
परिजन प्रसूता को लेकर एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज अस्पताल आ रहे थे, इसी दौरान रास्ते में प्रसव पीड़ा बढने के साथ ही महिला का प्रसव हो गया. महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया जो मृत था. परिजन प्रसूता को लेकर सुबह 6.50 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद प्रसूता को भी मृत घोषित कर दिया.पहले गर्भ में पल रहे नवजात और फिर प्रसूता की मौत के बाद परिजन सदमे में है.
परिजनों का आरोप, जिला अस्पताल में रात में नहीं था कोई डॉक्टर
पति का आरोप है कि सूरजपुर जिला हॉस्पिटल में रात के समय कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे. कुछ नर्सिंग स्टाफ ने बोतल चढ़ाने के बाद सुबह 4 बजे उनकी गर्भवती पत्नी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. जहां पहुंचने में उन्हें 2 घंटे से ज्यादा का समय लगा और रास्ते में ही प्रसव हो गया.
गांव से सूरजपुर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां से अंबिकापुर रेफर किया गया. रास्ते में ही जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई –मृतका का पति
महिला की रास्ते में हुई डिलीवरी
इधर अस्पताल प्रबंधन पहले से ही गर्भवती महिला की स्थिति गंभीर होने के बात कह रहा है. प्रसव विभाग प्रभारी डॉ. अविनाशी कुजूर ने बतााया कि महिला को सूरजपुर जिला अस्पताल से 9 दिसंबर को सुबह साढ़े 4 बजे रेफर किया गया था. जो अंबिकापुर में साढ़े 6 बजे पहुंची. डॉक्टरों ने जब जांच की तो पल्स नहीं चल रही थी.
पूछने पर पता चला कि एंबुलेंस में डिलीवरी हो गई थी, जांच के बाद महिला को मृत घोषित किया गया -डॉ. अविनाशी कुजूर, प्रभारी, प्रसव विभाग
सीएमएचओ ने बताया महिला की हालत गंभीर होने पर किया रेफर
सूरजपुर जिले के सीएमएचओ डॉ. कपिल देव पैकरा ने बताया कि प्रसूता को भर्ती पीएचसी से रेफर होकर जिला अस्पताल में हुई थी. महिला के शरीर में सूजन था, बीपी ज्यादा था और खून की कमी थी. महिला की हालत गंभीर थी इसलिए प्राथमिक उपचार के बाद उसे रेफर किया गया था. सीएमएचओ ने रात के समय अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के आरोपों से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी.




