अंतर्राष्ट्रीय

एपस्टीन फाइल्स को लेकर भड़का लोगों का गुस्सा, ट्रंप प्रशासन ने कौन सी तस्वीरें जारी कीं और क्या अभी भी छिपा रखा है?

अमेरिकी न्याय विभाग ने जेफरी एपस्टीन जांच से जुड़े हजारों दस्तावेज और तस्वीरें जारी की हैं, जिससे लोगों में गुस्सा है। एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत जारी दस्तावेजों में परेशान करने वाली तस्वीरें हैं। आलोचकों ने प्रक्रिया को अधूरा बताया है। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। पीड़ितों और वकीलों ने एपस्टीन के नेटवर्क की जांच की मांग की है।

  1. एपस्टीन जांच से जुड़े दस्तावेज और तस्वीरें जारी
  2. नाबालिगों के साथ एपस्टीन की तस्वीरें
  3. पीड़ितों और वकीलों ने जांच की मांग की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस हफ्ते एक नाटकीय घटनाक्रम में अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने लंबे समय से चल रही जेफरी एपस्टीन जांच की हजारों दस्तावेज और तस्वीरें जारी की हैं, जिससे लोगों में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। मामले की फिर से जांच शुरू हो गई है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक बहस छिड़ गई है।

मामले में अब जवाबदेही, पारदर्शिता और सरकारी खुलासे की सीमाओं के बारे में नए सवाल उठ रहे हैं। एपस्टीन की परेशान करने वाली नई तस्वीरों से गुस्सा भड़का है। एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत जारी किए गए दस्तावेजों के ढेर में, सांसदों और आम लोगों ने परेशान करने वाली नई तस्वीरों पर ध्यान दिलाया है, जिनमें एपस्टीन नाबालिगों के साथ करीबी शारीरिक संपर्क में दिख रहा है।

क्यों भड़का लोगों का गुस्सा?

कुछ तस्वीरों में उसे ऐसी जगहों पर दिखाया गया है जो शोषण वाली लगती हैं, जिसमें ऐसे सीन भी शामिल हैं जहां वह छोटी लड़कियों को किस करते और गले लगाते हुए दिख रहा है और दूसरे बहुत ज्यादा एडिट किए गए फ्रेम, जिनमें प्राइवेट जगहों पर नाबालिग बच्चे दिख रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये विज़ुअल्स एपस्टीन के प्राइवेट जेट और उसके लिटिल सेंट जेम्स आइलैंड एस्टेट जैसी जगहों पर लिए गए थे और यह उस बड़े मटेरियल का हिस्सा हैं जिसे कानूनी डेडलाइन को पूरा करने के लिए जारी किया गया है।

हालांकि DOJ ने पीड़ितों की सुरक्षा के लिए पहचान वाली ज्यादातर जानकारी हटा दी है, लेकिन इन तस्वीरों के सामने आने से बचे हुए लोगों, एडवोकेसी ग्रुप्स और कमेंटेटर्स में फिर से गुस्सा भड़क गया है, जो कहते हैं कि विज़ुअल सबूत उन डॉक्यूमेंटेड दुर्व्यवहार के पैटर्न को साबित करते हैं जिन्होंने एपस्टीन के आपराधिक इतिहास को परिभाषित किया था।

कानूनी पारदर्शिता या एपस्टीन फाइलों का आंशिक खुलासा?

इस साल साइन किए गए कानून के तहत जारी की गई जानकारी का मकसद पहले से सील किए गए ग्रैंड जूरी मटेरियल, जांच फाइलों और तस्वीरों को जनता की जांच के लिए खोलना था। हालांकि, आलोचकों ने इस प्रक्रिया को अधूरा और बहुत ज्यादा सेंसर किया हुआ बताया है।

रिपोर्ट्स से पता चलता है कि सैकड़ों पेज पूरी तरह या आंशिक रूप से एडिट किए गए हैं और कम से कम 16 फाइलें, जिनमें राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की एपस्टीन के साथ एक ऐतिहासिक तस्वीर वाली फाइल भी शामिल है, उनके सामने आने के कुछ ही दिनों के भीतर DOJ के पब्लिक पोर्टल से हटा दी गईं।

इस वजह से शक पैदा हुआ है और स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है। डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लैंच ने कहा है कि पीड़ितों की पहचान की रक्षा करने और कानूनी जरूरतों का पालन करने के लिए एडिटिंग और अस्थायी रूप से हटाना जरूरी है, साथ ही उन्होंने अतिरिक्त सामग्री को चरणों में जारी करने का वादा किया है।

सोशल मीडिया पर एपस्टीन की तस्वीरों पर राजनीतिक और आम लोगों की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर इस बात पर बहस छिड़ गई कि फाइलों में क्या दिखाया गया है और क्या नहीं। जवाबदेही की मांग की गई है, जिसमें पीड़ित और वकील इस मौके का इस्तेमाल एपस्टीन के नेटवर्क की गहरी आपराधिक और संस्थागत जांच के लिए दबाव बनाने के लिए कर रहे हैं।

एपस्टीन फाइल्स की रिलीज क्यों मायने रखती है?

हालांकि एपस्टीन की 2019 में मौत हो गई थी, लेकिन उसके नेटवर्क और अपराधों का असर सालों तक बना रहा। यह ताजा रिलीज कई कारणों से महत्वपूर्ण है। यह एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत पारदर्शिता के लिए कांग्रेस के आदेश को पूरा करता है और हाल के दशकों में न्याय विभाग की सामग्री के सबसे बड़े सार्वजनिक खुलासों में से एक है।

यह संस्थागत विफलताओं के बारे में सार्वजनिक बहस को फिर से शुरू करता है, खासकर शुरुआती चेतावनियों और अभियोजन फैसलों के संबंध में, जिन्होंने एपस्टीन को सालों तक ज्यादा गंभीर आरोपों से बचने दिया।

यह पीड़ितों की प्राइवेसी बनाम सार्वजनिक हित के बारे में नैतिक सवाल उठाता है, क्योंकि कुछ हिस्सों को हटाने की बात पूरी जानकारी देने की मांगों से टकराती है।

दिसंबर 2025 में DOJ द्वारा एपस्टीन से संबंधित फाइलों को जारी करने पर जनता की कड़ी नजर रही है, जिसमें परेशान करने वाली तस्वीरें और बहुत ज्यादा एडिट की गई सामग्री ने गुस्सा, संदेह और राजनीतिक बहस का माहौल बनाया है।

हालांकि डिपार्टमेंट का कहना है कि यह प्रोसेस पारदर्शिता और कानूनी सुरक्षा के बीच बैलेंस बना रहा है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि जानकारी को टुकड़ों में जारी करने से पारदर्शिता कानून के मकसद कमजोर हो रहे हैं, जिससे कई सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं और जनता और ज्यादा जानकारी की मांग कर रही है।

आने वाले हफ्तों में और भी डॉक्यूमेंट्स के बैच आने की उम्मीद है, ऐसे में एपस्टीन की विरासत और उससे जुड़े लोगों के सर्कल को लेकर विवाद कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं और यह 2026 तक पब्लिक चर्चा का विषय बना रह सकता है।

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