एमपी में बना देश का पहला ‘रेड कारपेट’ वाला एनएच, जंगली जानवर बचाने के लिए गडकरी का अनोखा प्रयोग

ब्यूरो — नई दिल्ली, देश में हाईवेमैन के नाम से मशहूर हो चुके केंद्रीय सडक़ एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक और अनोखा प्रयोग किया है। उन्होंने मध्य प्रदेश की एक सडक़ पर ‘रेड कारपेट’ बिछा दी है। आप यह सडक़ देखकर जरूर पूछेंगे कि आमतौर पर काली दिखने वाली सडक़ पर आखिर रेड ब्लॉक क्यों बने हैं, क्या यह सडक़ को खूबसूरत बनाने के लिए किया गया है या इसके पीछे कोई और खास वजह है। दरअसल, यह प्रयोग मध्य प्रदेश में किया गया है। नेशनल हाईवे-45 पर जबलपुर-भोपाल मार्ग पर पहली बार रेड टेबल टॉप वाली सडक़ बनाई गई है। एनएचआईए के अधिकारी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि सागर दमोह और नरसिंगपुर जिलों के त्रिभुज में स्थित नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में जबलपुर-भोपाल मार्ग पर 11.96 किलोमीटर टू और फोर लेन हाई का पुनर्विकास खास तरीके से किया गया है।
यहां दो किलोमीटर की संवेदनशील घाटी क्षेत्र में भारत में पहली बार पांच मिलीमीटर रेड टेबल टॉप ब्लॉक मार्किंग का प्रयोग किया गया है, जो पहली नजर में आपको रेड कारपेट जैसा दिखेगा। यह प्रयोग वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है। रेड ब्लॉक की ऊंचाई काली सतह से पांच मिलीमीटर अधिक है। यह चालकों का ध्यान खींचता है और लाल सतह की ऊंचाई अधिक होने की वजह से गाडिय़ों में हल्का जर्क होता है। इससे लोग गाड़ी की स्पीड घटा लेते हैं। इससे न सिर्फ जंगली जानवर दुर्घटना का शिकार होने से बचते हैं, बल्कि अचानक आने वाले घुमावों के बावजूद यहां से गुजरने वाले लोग भी दुर्घटनाओं से बचते हैं। जंगल से घिरे हाईवे के इस हिस्से पर चेन लिंक फेंसिंग भी की गई है। इसके अलावा आधुनिक स्पीड डिटेक्टर, विशेष एनिमल अंडरपास के जरिए यातायात और जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।




