कार्तिक माह में स्नान और साफ-सफाई को क्यों दिया जाता है इतना ज्यादा महत्व?

8 अक्टूबर से कार्तिक का महीना शुरू हो रहा है. इस महीने दान-पुण्य और पूजा-पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा इस महीने साफ-सफाई और स्नान को भी विशेष महत्व दिया गया है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस महीने स्नान और साफ-सफाई पर इतना ज़ोर क्यों दिया जाता है? अगर हां, तो इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके इन सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे.
हिंदू धर्म में कार्तिक महीने को बेहद पवित्र माना गया है. माना जाता है कि भगवान विष्णु इस महीने अपनी योगनिद्रा से जागते हैं. इस समय भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. कहा जाता है कि इस समय भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं, इसलिए इस अवधि में स्नान करने को विशेष महत्व दिया जाता है.
कार्तिक महीने में स्नान का क्या महत्व है?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक मास के दौरान सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में खुशहाली आती है.
कार्तिक महीने में साफ-सफाई का क्या महत्व है?
कार्तिक महीने में साफ-सफाई को विशेष महत्व दिया जाता है. मान्यता है कि इस पवित्र महीने में घर, मंदिर और आसपास की जगह की सफाई रखने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर होती है. इसके साथ ही मन को शांति मिलती है और भगवान की कृपा घर पर बनी रहती है.
कार्तिक महीने में किन बातों का ध्यान देना चाहिए?
जल्दी स्नान करें: इस महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. अगर संभव हो तो तालाब, कुएँ या गंगा नदी में स्नान करें. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है.
सात्विक भोजन करें: धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस महीने तामसिक भोजन ग्रहण करना अशुभ होता है. इसलिए इस महीने में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए.
दान-पुण्य करें: कार्तिक मास में दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. इस महीने जरूरतमंदों को भोजन कराना और दान देना बहुत शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से पापों का नाश होता है.
भागवत का पाठ करें: इस महीने श्रीमद भागवत का पाठ करना बहुत शुभ माना गया है.
साल 2025 में कार्तिक मास कब से शुरू होगा?
इस साल कार्तिक मास 8 अक्टूबर 2025 से शुरू हो रहा है और 5 नवंबर 2025 को समाप्त होगा.




