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कोसी पूजन के दौरान इन गलतियों को करने से बचें, वरना अधूरा रह सकता है व्रत

Chhath Puja 2025: छठ पूजा में कोसी भरना एक महत्वपूर्ण परंपरा है. यह केवल प्रसाद रखने की रस्म नहीं, बल्कि सूर्य देव और छठी मैया को खुश करने का तरीका है. लेकिन अगर पूजा के दौरान कुछ सामान्य गलतियां हो जाएं, तो इसका फल कम हो सकता है. आइए जानते हैं कि कोसी भरते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

व्रती गन्ने के सहारे कोसी सजाते हैं और सूर्य देव-छठी मैया से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. लेकिन अगर पूजा में कुछ गलतियां हो जाएं, तो पूजा अधूरी मानी जाती है. आइए, जानते हैं किन बातों का रखना चाहिए खास ध्यान.

कोसी पूजा में क्या गलती न करें

पूजा को सही समय पर नहीं करना: सूर्य को अर्घ्य और कोसी पूजा का समय तय होता है. देर-सवेर करना ठीक नहीं माना जाता.

थाली और सामग्री अधूरी रखना: कोसी की सामग्री शुद्ध और पूरी होनी चाहिए — जैसे ठेकुआ, फल, दीपक, गन्ना आदि.

साफ-सफाई का ध्यान न रखना: पूजा स्थल, प्रसाद और व्रती के वस्त्र सब साफ और पवित्र होने चाहिए.

मन में नकारात्मक भाव रखना: पूजा के समय विवाद, गुस्सा, फोन-सोशल मीडिया जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए.

सात्विक नियमों का उल्लंघन: पूरे व्रत में मांसाहार, शराब, लहसुन-प्याज बिल्कुल वर्जित है.

छठ पूजा में गन्ने का महत्व

छठ पूजा में गन्ना बहुत शुभ माना जाता है. इसे पवित्रता और उन्नति का प्रतीक समझा जाता है. पूजा के समय गन्ना रखने से घर में सुख-शांति आती है और परिवार को समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. माना जाता है कि छठी मैया को गन्ना अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है.

क्या कोई भी फल कोसी में रख सकता है?

नहीं, हमेशा सात्विक और ताजे फल ही रखें जैसे केला, सेब, सिंघाड़ा, शकरकंद. खराब या सड़े हुए फल नहीं रखें.

कोसी में दीपक जलाने में क्या गलती न करें?

दीपक हमेशा साफ जगह और स्थिर स्थान पर जलाएं। हवा या बच्चों से दूर रखें.

क्या पूजा के दौरान गाना-बजाना या लोकगीत गाना जरूरी है?

हां, लेकिन इसे शांति और भक्ति के साथ करें। जोर-जोर से विवाद या हंसी-मज़ाक करना ठीक नहीं है.

कब करें कोसी पूजा?

आमतौर पर यह पूजा संध्या अर्घ्य के बाद की जाती है.

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