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क्यों किया जाता है तुलसी विवाह और कैसे करें तुलसी जी का मंगल श्रृंगार

Tulsi Vivah 2025: तुलसी माता को इस अवसर पर एक दुल्हन की तरह सजाया जाता है — उन्हें नई चुनरी, फूल, गहनों और पारंपरिक श्रृंगार से अलंकृत किया जाता है. यह श्रृंगार न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह देवी लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि तुलसी माता को लक्ष्मी जी का ही अवतार कहा गया है.

 तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व है, जो हर वर्ष कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी देवउठनी एकादशी को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु (शालिग्राम) और माता तुलसी का विवाह किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन तुलसी जी का विवाह करने से जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है. तुलसी माता को इस अवसर पर एक दुल्हन की तरह सजाया जाता है, उन्हें नई चुनरी, फूल, गहनों और पारंपरिक श्रृंगार से अलंकृत किया जाता है. यह श्रृंगार न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह देवी लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि तुलसी माता को लक्ष्मी जी का ही अवतार कहा गया है. तुलसी विवाह का यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवार में एकता, प्रेम और आशीर्वाद का भी प्रतीक बन जाता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि तुलसी विवाह के अवसर पर तुलसी जी का श्रृंगार कैसे किया जाता है और किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

तुलसी विवाह में तुलसी जी का शृंगार क्यों किया जाता है?

तुलसी जी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. उनके विवाह के दिन उन्हें दुल्हन की तरह सजाकर भगवान विष्णु से विवाह करवाया जाता है, जिससे घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है और हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

तुलसी जी के शृंगार में किन चीजों की जरूरत होती है?

श्रृंगार के लिए आवश्यक वस्तुएं इस प्रकार हैं:
नई चुनरी (लाल, पीली या हरी)
हल्दी, कुमकुम, चंदन
फूल (विशेषकर गेंदा और तुलसी पत्ते)
गहने या कृत्रिम आभूषण
बिंदी, सिंदूर
छोटी साड़ी या कपड़ा
दीपक और अगरबत्ती
मिठाई, फल, और पान

तुलसी विवाह में शृंगार कैसे किया जाता है?

सबसे पहले तुलसी के पौधे को स्नान करवाएं (गंगाजल या साफ पानी से).
पौधे के गमले को साफ कपड़े से पोंछें और नई चुनरी ओढ़ाएं.
तुलसी के ऊपर हल्दी, कुमकुम, चंदन लगाएं.
फूल-मालाओं से तुलसी माता को सजाएं.
तुलसी जी को बिंदी, चूड़ी और आभूषण पहनाएं.
दीपक जलाकर आरती करें और भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी जी का विवाह करें.
विवाह के बाद तुलसी माता को मिठाई, फल और पान का भोग लगाएं.

तुलसी विवाह के दिन कौन से रंग का कपड़ा शुभ माना जाता है?

तुलसी विवाह के दिन लाल, पीला या हरा रंग तुलसी विवाह में शुभ माना जाता है क्योंकि ये रंग सौभाग्य और समृद्धि के प्रतीक हैं.

क्या घर पर तुलड़ी विवाह करवाया जा सकता है?

हां, तुलसी विवाह घर में किया जा सकता है. बस तुलसी का पौधा साफ और पवित्र स्थान पर होना चाहिए, और विवाह की सभी पूजा-विधियां श्रद्धा से की जानी चाहिए.

तुलसी विवाह करने से क्या फायदा होता है?

तुलसी विवाह करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता बढ़ती है.भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है., नकारात्मक ऊर्जा और रोगों से रक्षा होती है.

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