स्वास्थ्य

खतरे की घंटी! सारी बीमारियों की जड़ गाढ़ा खून, पतला करने के बेस्ट देसी नुस्खे

डेस्कः खून गाढ़ा मतलब शरीर बन रहा बीमारियों का घर, आपने बहुत से लोगों के मुंह से कहते सुना होगा कि उनका खून गाढ़ा है। खून गाढ़ा होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जिसमें एक कारण कोलेस्ट्राल लेवल का बढ़ना भी है। यह एक ऐसी समस्या है जो अपने साथ एक नहीं, कई हैल्थ प्रॉब्लम्स लेकर आती है। खून गाढ़ा होगा तो शरीर में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन नहीं होगा। खून के थक्के बनने शुरू हो जाएंगे और थक्का बनने से स्ट्रोक की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हार्ट अटैक (Heart Attack), ब्रेन क्लॉट (Brain Clotting) जैसी कई दिक्कतें हो सकती हैं इसलिए इस और ध्यान देना बहुत जरूरी है। सर्दियों में यह समस्या अधिक होती है। अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके और डाक्टरी सलाह लेकर आप गाढ़े खून को पतला कर सकते हैं। चलिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करते हैं। 

खून गाढ़ा क्यों होता है? | Khoon gadha kaise hota hai

बिगड़ा लाइफस्टाइल औऱ खान पान से जुड़ी गलत आदतें आपके खून को गाढ़ा कर सकती हैं जिन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है उनका खून गाढ़ा हो सकता है। जो लोग पानी व लिक्विड डाइट कम लेते हैं, जिसे डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) की समस्या हो।
डायबिटीज के मरीज का खून गाढ़ा हो सकता है। 
धूम्रपान और एल्कोहल का अधिक सेवन करने से खून गाढ़ा हो सकता है।
जेनेटिक डिसऑर्डर्स (जैसे फैक्टर V लेडन म्यूटेशन)
मोटापा भी इसकी वजह है।
कुछ दवाइयों का साइड इफेक्ट
हार्मोनल असंतुलन होने पर खून गाढ़ा हो सकता है। 
आपका खान-पान अनहैल्दी है।
फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर करने वाले

खून गाढ़ा होने के कुछ लक्षण | khoon gadha Hone Ke Lakshan 

खून गाढ़ा होने की कुछ सामान्य निशानियां और लक्षण हैं, जो यह संकेत देते हैं कि रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो रहा है हालांकि ये लक्षण व्यक्ति के स्वास्थ्य, उम्र और गाढ़े खून की गंभीरता पर निर्भर करते हैं।

थकावट और कमजोरीः अगर लगातार थकान और कमजोरी महसूस हो रही है तो क्योंकि गाढ़ा खून कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने में बाधा डालता है, जिससे लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है।

सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होनाः हाथों, पैरों या अंगुलियों में सुन्नता या झुनझुनी महसूस होना इस बात का संकेत हो सकता है कि खून का प्रवाह ठीक से नहीं हो रहा।

सिरदर्द और चक्कर आनाः खून गाढ़ा होने से मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन और रक्त नहीं पहुंचता, जिससे सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

धुंधलापन या कम दिखनाः आंखों की रक्त वाहिकाओं में खून का संचार सही से ना होने पर धुंधलापन और बाधित या अचानक दृष्टि की समस्या हो सकती है।

सीने में दर्द या भारीपनः गाढ़े खून के कारण हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे सीने में दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है।

सांस लेने में कठिनाईः खून का थक्का बनने पर फेफड़ों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

त्वचा का लाल या नीला पड़नाः गाढ़ा खून त्वचा तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता, जिससे त्वचा का रंग लाल, नीला या फीका दिख सकता है।

पैरों में सूजन और दर्दः खासकर पैरों में, खून के प्रवाह में रुकावट के कारण सूजन, दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। यह डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) का संकेत हो सकता है।

तेज या अनियमित दिल की धड़कनः गाढ़े खून के कारण हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो सकती है।

बार-बार ब्लड क्लॉट्स बननाः शरीर के विभिन्न हिस्सों में बार-बार खून के थक्के बनना गाढ़े खून की प्रमुख निशानी है। यह काफी खतरनाक भी साबित हो सकती है। 

हाथ-पैर ठंडे रहनाः गाढ़े खून के कारण अंगों तक रक्त और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे हाथ और पैर ठंडे महसूस हो सकते हैं। सर्दी में यह परेशानी अधिक हो सकती है। 

पाचन खराबः पेट में भारीपन, अपच या पेट दर्द की समस्या भी गाढ़े खून से जुड़ी हो सकती हैं क्योंकि इससे पाचन तंत्र को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता।

नोट: यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। खून गाढ़ा होने की समस्या गंभीर हो सकती है और इसे अनदेखा करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। ब्लड टेस्ट और अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट से समस्या का सही कारण जाना जा सकता है।

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