छत्तीसगढ़

जमीन गाइडलाइन दर में बढ़ोतरी पर पूर्व पीसीसी चीफ ने कहा- आम जनता और किसानों को लूटने जैसा कृत्य

रायपुर। जमीन की नई गाइडलाइन दर जारी होते ही सियासी बयान सामने आने लगे हैं. पूर्व छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने इसे आम जनता और किसानों को लूटने जैसा कृत्य करार दिया है. वहीं पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने इसे भू-माफिया के अनुसार बनाया कानून बताया है.

पूर्व छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में कहा कि यह आम उपभोक्ताओं और किसानों को लूटने जैसा कृत्य है. हमारी सरकार ने सरकारी कीमतों में 30% की कमी की थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने वह छूट समाप्त कर दी है. इससे जमीन और मकान दोनों महंगे हो गए हैं.

उन्होंने अव्यावहारिक तरीके से गाइडलाइन दर बढ़ाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे जमीन के दाम कई गुना बढ़ जाएंगे. इससे किसान के साय़थ आम लोग नुकसान में रहेंगे. यह फैसला सिर्फ सरकार के राजस्व बढ़ाने के लिए है, इसमें आम उपभोक्ता और किसान लाभान्वित नहीं होंगे, इससे भूमाफिया को फायदा मिलेगा.

वहीं जमीन की नई दरों को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि बीजेपी लोगों को बेरोजगार करना चाहती है. कभी छोटे-छोटे जमीन लेने वाले लोगों की रजिस्ट्री को रोकने का प्रयास करती है, तो कभी खरीदी-बिक्री में अलग-अलग प्रयोग से शुल्क बढ़ाकर नुकसान पहुंचाने का काम करती है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में भूपेश बघेल ने रियायत देने का काम किया था. इस सरकार में तो जमीन का व्यापार करने वाले लोग जुड़े हुए है. अब भू-माफियाओं के अनुसार नियम-कानून को बनाया जा रहा है, आम लोगों को आने वाले समय में बहुत परेशानी होने वाली है, यह गाइडलाइन लोगों का काम छीनने वाला है.

भूमि गाइडलाइन रेट बढ़ोतरी पर कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पूरे देश में कहीं ऐसा नहीं हुआ जैसा छत्तीसगढ़ में हुआ. यहां एक साल के अंदर 40% से 130% तक रेट बढ़ा दिए गए हैं. सरकार के इस फैसले से आम जनता का सपना टूट गया, उनके जमीन खरीदने और मकान बनाने का सपना टूटा, उद्योगपतियों पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि गाइडलाइन बढ़ाने की प्रक्रिया में हमेशा तिथि घोषित होती है, लेकिन इस बार बिना सूचना के अचानक फैसला लिया गया. जब कांग्रेस की सरकार थी लोगों को राहत देते हुए 30% की छूट दी गई थी, जिसे बीजेपी ने खत्म कर दिया. अब जमीन की दरों में 10% से लेकर 100% तक की बढ़ोतरी कर दी गई है.

ऐसा लगता है कि सरकार में बैठे कुछ तत्व रियल एस्टेट कारोबार को लेकर साजिश रच रहे हैं. इससे बेरोजगारी दर और बढ़ेगी. कृषि के बाद सबसे बड़ा रोजगार देने वाला सेक्टर रियल एस्टेट है, जिस पर सरकार ने सीधा प्रहार किया है. जमीन आपकी है—सरकार कौन होती है ये तय करने वाली कि आप आधी जमीन बेचें या पूरी न बेचें?

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