उत्तरप्रदेश

जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नेटवर्क से कनेक्शन, यूपी से सज्जाद हुसैन और महाराष्ट्र से तौफीक को आंध्र पुलिस ने पकड़ा, 

धर्मवरम (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े दो संदिग्धों को उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां एक स्थानीय संदिग्ध आतंकी नूर मोहम्मद की जांच के दौरान मिली खुफिया जानकारी के आधार पर हुई हैं। पुलिस का मानना है कि ये आरोपी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के लिए काम कर रहे थे और युवाओं को आतंकवादी प्रशिक्षण के लिए उकसाते थे।

कहां से हुई गिरफ्तार?
श्री सत्यसाई जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस सतिश कुमार ने बताया कि आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के अमरोहा के निवासी सज्जाद हुसैन और महाराष्ट्र के मालेगांव निवासी तौफीक आलम शेख के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि ये गिरफ्तारियां जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े नूर मोहम्मद के कथित आतंकवादी नेटवर्क की जांच के दौरान मिली खुफिया जानकारी के आधार पर की गई हैं।

जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तार
कुमार ने संवाददाताओं को बताया नूर मोहम्मद की गिरफ्तारी के बाद मिली खुफिया जानकारी के आधार पर हमारी टीम ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा और महाराष्ट्र के मालेगांव में समन्वित अभियान चलाकर दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जो पाकिस्तान के जिहादी व्हाट्सएप समूहों और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े चैनलों में सक्रिय थे। श्री सत्यसाई जिले के एक कट्टरपंथी शेफ नूर मोहम्मद को पहले धर्मवरम पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े व्हाट्सएप समूहों में शामिल होने के आरोप में हिरासत में लिया था। ये समूह कथित तौर पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) समर्थित थे।

किसके संपर्क में थे दोनों आरोपी?
कुमार ने बताया कि दोनों आरोपियों के पास से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और जिहादी प्रचार-प्रसार से संबंधित कथित सामग्री जब्त की गई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के झामपुरवा स्थित हुसैन के आवास से एक सिंगल बैरल राइफल बरामद की गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला कि दोनों कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के भाई तलहा भाई समेत संगठन के गुर्गों के संपर्क में थे।

ट्रांजिट वारंट पर धर्मवरम लाया गया
तलहा भाई भारत के युवाओं को पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण के लिए कथित तौर पर प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों को उनके राज्यों की अदालतों में पेश किया गया और बाद में न्यायिक रिमांड के लिए ट्रांजिट वारंट पर धर्मवरम लाया गया। कुमार को संदेह है कि आरोपियों के प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंधित लोगों से संबंध हो सकते हैं।

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