दक्षिण कोरिया बनाएगा न्यूक्लियर अटैक सबमरीन, भारत समेत सिर्फ छह देशों के पास परमाणु संचालित पनडुब्बियां

एजेंसियां— सियोल, दक्षिण कोरिया की सरकार ने बताया कि उसने अमरीका के साथ न्यूक्लियर सबमरीन बनाने का समझौता किया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक अमरीका ने दक्षिण कोरिया को न्यूक्लियर अटैक सबमरीन बनाने की मंजूरी दी है। समझौते में यह भी तय हुआ है कि अमरीका इन पनडुब्बियों के लिए फ्यूल देगा और तकनीकी सहयोग भी करेगा। दुनिया में फिलहाल सिर्फ छह देशों के पास ही परमाणु-संचालित पनडुब्बियां हैं। इनमें अमरीका, चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत शामिल हैं। दक्षिण कोरिया के पास लगभग 20 पनडुब्बियां हैं, लेकिन ये डीजल से चलती हैं। इन पनडुब्बियों को बार-बार पानी से ऊपर आना पड़ता है। वहीं न्यूक्लियर सबमरीन तेज, शक्तिशाली और लंबे समय तक पानी में रहने में सक्षम होती हैं। दोनों देशों ने पिछले महीने ट्रेड डील की थी। यह समझौता उस समय हुआ, जब दोनों देशों ने पिछले महीने ट्रेड डील की थी। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल दक्षिण कोरिया पर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया था। राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने इसे 15 फीसदी तक कम करवाया। इसके बदले दक्षिण कोरिया ने कहा कि वह अमरीका में 350 अरब डॉलर निवेश करेगा। 200 अरब नकद और 150 अरब शिपबिल्डिंग में। उत्तर कोरिया हाल ही में अपनी परमाणु पनडुब्बी बना रहा है और उसने मार्च 2025 में इसकी तस्वीरें जारी की थीं। माना जाता है कि रूस इसमें उसकी मदद कर रहा है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली ने एपीईसी सम्मेलन में ट्रंप से कहा कि उन्हें उत्तर कोरिया का सामना करने के लिए न्यूक्लियर सबमरीन चाहिए। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री आन ग्यु-बैक ने कहा कि परमाणु पनडुब्बियां देश के लिए गौरव होंगी। इससे उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन चिंता में रहेंगे। उत्तर कोरिया के पास लगभग 50 परमाणु हथियार होने का अनुमान है और वह आने वाले कुछ सालों में अपनी पनडुब्बियां तैयार कर सकता है। अमरीका चाहता है कि दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया और चीन पर दबाव बढ़ाने में उसकी मदद करे। विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिण कोरिया क्षेत्र में अमरीका का महत्त्वपूर्ण साथी बन जाएगा।




