दिल्ली-एनसीआर में सांसों पर संकट, 462 दर्ज किया गया एक्यूआई

नई दिल्ली। राजधानी में हवा की धीमी गति और खराब मौसम के चलते रविवार को हवा इस साल की सबसे खराब श्रेणी में पहुंच गई। सुबह की शुरुआत धुंध और कोहरे से हुई और आसमान में स्मॉग की मोटी चादर के चलते दृश्यता भी कम रही। सांस लेने में हो रही दुश्वारी के बीच लोग मास्क पहने नजर आए। लोगों को आंख में जलन की दिक्कत भी हुई। वहीं, एयर क्वालिटी अर्ली वार्निग सिस्टम फॉर दिल्ली के अनुसार, रविवार सुबह राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 462 दर्ज किया गया है। आनंद विहार, अशोक विहार, रोहिणी और बवाना में तो एक्यूआई 500 के करीब तक पहुंच गया। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली मेें तत्काल प्रभाव से सबसे सख्त पाबंदियां ग्रेप-4 लागू करने का फैसला किया है। दिल्ली की हवा बेहद खराब स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने स्कूलों को लेकर अहम फैसला लिया है। ग्रैप स्टेज-4 लागू होने के बीच 9वीं कक्षा तक और 11वीं के छात्रों की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में कराई जाएगी। यानी जहां संभव होगा, वहां बच्चे स्कूल आकर पढ़ सकेंगे और साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी खुला रहेगा। वहीं,सभी सरकारी और निजी दफ्तर 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ ही चलेंगे।
बाकी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से वर्क फ्रॉम होम करना होगा।पूरे दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और तोडफ़ोड़ की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अधिकारियों ने स्टोन क्रशर, माइनिंग ऑपरेशन और सभी संबंधित गतिविधियों को बंद करने का भी आदेश दिया है, जो धूल और पार्टिकुलेट प्रदूषण में काफी योगदान देते हैं। ट्रांसपोर्ट पर पाबंदियों को काफी सख्त कर दिया गया है। दिल्ली और आसपास के जिलों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल चार पहिया गाडिय़ों की आवाजाही पर सख्त रोक लगा दी गई है। दिल्ली में जरूरी सामान ले जाने वाले या जरूरी सेवाएं देने वाले ट्रकों को छोडक़र यहां पर ट्रकों की एंट्री मना है। ट्रैफिक जाम और प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने का आदेश दिया है। बाकी स्टाफ घर से काम करेगा।




