दिल्ली

दुष्कर्म के मामलों में वांछित स्वयंभू बाबा वीरेंद्र देव की मौत… CBI ने अदालत को दी जानकारी

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को यह पता चला है कि रोहिणी स्थित आश्रम में अपनी शिष्याओं से कथित बलात्कार और दुर्व्यवहार के मामलों में वांछित स्वयंभू बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित की 2023 में ही मृत्यु हो चुकी है और अब एजेंसी मुकदमे की सुनवाई समाप्त करने का अदालत से अनुरोध करेगी। दीक्षित के खिलाफ 2018 में ‘इंटरपोल ब्लू नोटिस’ जारी किया गया था। 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई द्वारा उसके खिलाफ मामले दर्ज किए जाने के बाद से वह कथित तौर पर फरार था।

सीबीआई उसकी तलाश कर रही थी और उसे नेपाल में भी ढूंढ रही थी। एजेंसी ने उसके बारे में विश्वसनीय जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की थी।

2023 में हो चुकी है वांछित की मौत

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि एजेंसी की हैदराबाद इकाई को जनवरी 2025 में दीक्षित की मौत की जानकारी मिली थी, जिसकी हाल में पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि अदालत को भी यह जानकारी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि 2023 में मृत्यु होने के समय उसकी उम्र करीब 80 वर्ष रही होगी।

उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इन आरोपों पर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था कि दीक्षित ने रोहिणी स्थित अपने आश्रम, आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय में कई महिलाओं को बंधक बनाकर रखा था।

सुनवाई समाप्त करने का अनुरोध करेगी सीबीआई

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी अब मामले में सुनवाई समाप्त करने का उस अदालत से अनुरोध करेगी, जिसमें उसने कई आरोपपत्र दाखिल किये थे।
सीबीआई ने दीक्षित के खिलाफ 22 जनवरी 2018 और 22 फरवरी 2019 को दो ‘लुकआउट सर्कुलर’ जारी किए थे। सीबीआई के अनुरोध पर 26 मार्च 2018 को उसे ढूंढने के लिए एक ‘इंटरपोल ब्लू नोटिस’ भी जारी किया गया था।

महिलाओं को बंधक बनाकर रखा गया था

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर 2017 को सीबीआई को आश्रम में लड़कियों और महिलाओं को कथित तौर पर अवैध रूप से बंधक बनाकर रखने की जांच करने का निर्देश दिया था, जहां उन्हें कंटीले तारों से घिरे स्थान पर ‘‘जानवरों की तरह’’ रखा गया था।

दीक्षित के खिलाफ कथित बलात्कार और आपराधिक धमकी के दो मामले दर्ज हैं, जबकि एक मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ है जिन पर उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एवं 19 दिसंबर 2017 को आश्रम का दौरा करने वाली समिति के कामकाज में बाधा डालने का आरोप है।

अदालत ने सीबीआई को रोहिणी स्थित आश्रम और उसके संस्थापक-सह-आध्यात्मिक प्रमुख दीक्षित के खिलाफ दिल्ली में दर्ज प्राथमिकी तथा लापता लड़कियों की शिकायतों, यौन अपराधों और यहां तक कि आत्महत्या के एक मामले से संबंधित दैनिक डायरी प्रविष्टियों की जांच करने का निर्देश दिया था।

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