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‘नीतीश सरकार ने खोला’ लोक-लुभावन वायदों-सुविधाओं का पिटारा!

जब भी चुनाव निकट आते हैं, राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रलोभनों का पिटारा खोल देती हैं। सरकारें विभिन्न रियायतों और सुविधाओं की घोषणाओं के अलावा महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए साडिय़ां, मंगलसूत्र, चावल, आटा, नकद राशि और सैनेटरी नैपकिन आदि देती हैं। अब जबकि जल्दी ही बिहार में चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की जाने वाली है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अनेक लोक-लुभावन घोषणाओं की बरसात कर दी है। इसी कड़ी में अब तक नीतीश कुमार डेढ़ दर्जन से अधिक घोषणाएं कर चुके हैं। इनमें सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देना, गरीबी रेखा से नीचे के 58 लाख परिवारों के लिए मुफ्त में ‘रूफ टॉप सोलर पैनल’ लगाने की सुविधा देना, युवाओं को इंटर्नशिप के लिए उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर 4000 से 6000 रुपए मासिक तक देना शामिल है।

यही नहीं, बिहार की मूल निवासी महिलाओं को राज्य की सभी प्रकार की सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देने के अलावा महिलाओं के लिए राज्य की बसों में पहली 4 कतारों की सीटें रिजर्व करने, ‘आशा’ वर्करों का मानदेय तथा ‘सामाजिक सुरक्षा पैंशन’ बढ़ाने आदि की घोषणा की जा चुकी है। जैसे कि इतना ही काफी नहीं था, अब 3 अक्तूबर को नीतीश कुमार ने राज्य के हर ‘ब्लाक’ में सब्जी केंद्र बनाने की घोषणा कर दी है। सरकार का यह ऐलान कृषक वर्ग को लुभाने के मामले में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इसी दिन नीतीश कुमार ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के अंतर्गत 25 लाख महिला लाभार्थियों के खातों में ‘प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर’ (डी.बी.टी.) के माध्यम से 10-10 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए जाने की घोषणा कर दी है। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं से अनुरोध किया कि ‘‘चुनाव आ रहा है, आप लोग ध्यान दीजिएगा।’’ नीतीश कुमार ने कहा कि इस योजना’ का उद्देश्य हर परिवार की कम से कम एक महिला को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है तथा महिलाओं के लिए आरक्षण और सरकारी योजनाओं में हिस्सेदारी बढ़ाकर बिहार सरकार ने हमेशा उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया है। 

इससे पहले 26 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस योजना की शुरुआत पर 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे और अब 4 अक्तूबर को एक बार फिर प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए 62,000 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न युवा केंद्रित योजनाओं का अनावरण किया है। प्रधानमंत्री ने बिहार की संशोधित ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना’ की भी शुरूआत की जिसके अंतर्गत प्रति वर्ष लगभग पांच लाख स्नातकों को दो वर्ष तक 1000-1000 रुपए का मासिक भत्ता दिया जाएगा। स्पष्टत: केंद्र व राज्यों की सरकारें चुनावों के निकट आने पर इस तरह के पग उठाती हैं ताकि मतदाताओं को उनके द्वारा दी गई सुविधाएं याद रहें और वे मतदान के समय उनके पक्ष में वोट डाल कर इसका बदला चुका दें। 

अब यह तो समय ही बताएगा कि अन्य सुविधाओं के अलावा 10-10 हजार रुपए पाने वाली राज्य की महिलाएं नीतीश कुमार की इस अपील पर कितना ‘ध्यान’ देती हैं। हमारे विचार में जनता को देखना चाहिए कि पिछली बार पार्टी ने अपने वादे पूरे किए हैं या नहीं और यदि पूरे नहीं किए हैं तो जनता को ऐसे नेताओं तथा पार्टियों का बहिष्कार करके उनकी जगह अच्छा काम करने वालों को चुनना चाहिए ताकि उनके द्वारा किए गए अच्छे-अच्छे वादों के लागू होने से जनता के जीवन में कुछ सुधार आए। 

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