भारत के इस राज्य ने बनाया AI से लैस पहला पर्सनल कंप्यूटर, 4G और WiFi की खूबियां, इंटरनेट के बिना चला देगा ऐप

AI की एंट्री के बाद से ही कई दिग्गज देश इस दौड़ में लग गए हैं कि इस तकनीक का ज्यादा फायदा किसे मिले। इसी के बीच भारत भी अपने स्तर पर AI से जुड़ा विकास करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अब कर्नाटक की राज्य सरकार ने नए पर्सनल कंप्यूटर ‘KEO’ की घोषणा की। इसे पूरी तरह कर्नाटक में ही डिजाइन क्या गया है और यह यहीं बना है। इसकी खास बात है कि यह AI से लैस है। 18 नवंबर को बेंगलुरु टेक समिट में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इसे औपचारिक रूप से लॉन्च करेंगे। इसका मकसद हर घर, स्कूल और गांव तक कंप्यूटर पहुंचाना है। कहा जा रहा है कि कर्नाटक ने बेंगलुरु को असली ‘आईटी कैपिटल’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
KEO क्या है और कैसे काम करता है
द वीक की रिपोर्ट बताती है कि KEO का मतलब ‘Knowledge driven Economical Open-source’ है। इसे कर्नाटक की सरकारी कंपनी KEONICS ने बनाया है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह भारत उन महंगे कंप्यूटरों के मुकाबले का डिवाइस है जो आम आदमी की पहुंच से दूर हैं। सरकार इसे लग्जरी नहीं, बल्कि हर किसी के लिए जरूरी चीज बनाना चाहती है।
KEO कंप्यूटर में क्या फीचर्स
KEO में ओपन सोर्स RISC-V प्रोसेसर लगा है और यह लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है। इसमें 4G, वाई-फाई, ईथरनेट, यूएसबी, एचडीएमआई और हेडफोन जैक है। सबसे खास बात है कि इसमें अपना खुद का ‘AI कोर’ है। यानी इंटरनेट के बिना भी यह AI ऐप चला सकता है। इससे गांव-देहात में भी तेजी से काम होगा।
इसमें बच्चों के लिए AI असिस्टेंट
हर KEO कंप्यूटर में पहले से ही एक AI असिस्टेंट ‘BUDDH’ इंस्टॉल होगा। यह कर्नाटक के सरकारी स्कूलों के पूरे सिलेबस पर ट्रेन किया गया है। बच्चे घर बैठे सवाल पूछ सकेंगे और पढ़ाई कर सकेंगे, भले ही इंटरनेट धीमा हो या न हो। इससे शहर और गांव के बच्चों के बीच की दूरी कम होगी। अब अच्छी पढ़ाई के लिए बड़े शहर जाना जरूरी नहीं रहेगा।
सरकार का KEO को लेकर क्या प्लान?
सरकार का प्लान है कि KEO को हर जिले के स्कूल, कॉलेज, छोटे दफ्तर और घरों तक पहुंचाया जाए। इससे बच्चों को डिजिटल स्किल आएगी, नई नौकरियां पैदा होंगी और छोटे-छोटे शहरों में भी स्टार्टअप खुल सकेंगे। यानी तकनीक का फायदा सिर्फ बेंगलुरु तक सीमित नहीं रहेगा। बेंगलुरु टेक समिट में ही इसकी बिक्री शुरू होने की उम्मीद है। वहां आने वाले लोग इसे देख और छू सकेंगे। कीमत अभी घोषित नहीं हुई, लेकिन सरकार ने साफ कहा है कि यह आम आदमी की जेब के हिसाब से होगा।




