मर्दों के लिए जन्नत माना गया है ये देश, यहां एक लड़के की होती हैं 5-5 गर्लफ्रेंड, लड़कियों को भी नहीं होती दिक्कत

यूरोप के एक देश में रिश्तों को लेकर सोच इतनी खुली हुई है कि यहां पुरुषों को कई महिलाओं के साथ रिश्ते रखने की आजादी दी जाती है। समाज इसे गंभीर मुद्दा नहीं मानता, क्योंकि यहां रिश्तों की नींव आपसी सहमति और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर टिकी है। महिलाओं को भी इस मॉडल से कोई आपत्ति नहीं होती, क्योंकि यहां हर रिश्ता समझदारी के साथ चलाया जाता है।
इसी कारण कई लोग इस देश को मजाक में “पुरुषों का जन्नत” भी कह देते हैं। यहां का नाइटआउट कल्चर बेहद मशहूर है, कपल्स और दोस्त खुलकर क्लब, इवेंट्स और ओपन पार्टियों में शामिल होते हैं और रिश्तों को बंधन नहीं, बल्कि एक निजी पसंद की तरह जीते हैं। चलिए जानते हैं क्या है यहां की सोच।
उत्तरी यूरोप के बाल्टिक क्षेत्र में स्थित छोटा सा देश लातविया अपनी खुली सामाजिक सोच के लिए चर्चा में है। यहां प्यार और रिश्तों को लेकर काफी उदार रवैया देखने को मिलता है। कई पुरुष एक समय में चार-पांच गर्लफ्रेंड के साथ रिलेशनशिप में होते हैं और समाज इसे असामान्य नहीं मानता। रिश्ते यहां पूरी तरह आपसी सहमति और व्यक्तिगत आजादी पर आधारित होते हैं।
लातविया की इस अनोखी स्थिति का बड़ा कारण वहां की जनसंख्या में असंतुलन है। आंकड़ों के मुताबिक, यहां अगर 100 महिलाएं मिलेंगी तो उतने पर पुरुषों की आबादी केवल 85 से 87 के बीच में ही होगी। पुरुष कम होने की वजह से वहां कई रिश्ते स्वाभाविक रूप से विकसित हो जाते हैं और समाज भी इन्हें सामान्य रूप में स्वीकार करता है।
लातविया की महिलाएं शिक्षा, करियर और व्यक्तिगत स्वतंत्रता में काफी आगे हैं। वे अपने जीवन को खुद तय करने की सोच रखती हैं और किसी पुरुष के कई गर्लफ्रेंड रखने को गलत नहीं मानतीं। उनके लिए पारदर्शिता और आपसी सम्मान ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। राजधानी रीगा इस खुले लाइफस्टाइल का असली उदाहरण है, जहां नाइटलाइफ बेहद जीवंत है। बार, क्लब और कैफे हमेशा युवाओं से भरे रहते हैं, और यहां डेटिंग व नए रिश्ते बनाना आम बात है।
लातवियाई लोग अपने रिश्तों में पारदर्शिता को बेहद महत्व देते हैं। वे प्यार को लेकर खुला और ईमानदार नजरिया रखते हैं, इसमें ना कोई धोखा होता है और ना ही कोई छिपाता है। अगर उनका साथी किसी और के साथ भी रिश्ते में है, तो लड़कियां इसे व्यक्तिगत विश्वासघात नहीं मानतीं, बल्कि इसे जीवन का एक सामान्य हिस्सा समझती हैं।




