संपादकीय

मशीनें तो आएंगी, पर इंसान भी रहेंगे

क्या मशीनें इंसानों की जगह ले लेंगी? आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की तेज तरक्की के बाद यह सवाल और भी गंभीर हो उठा है। ऐसे वक्त में वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह का बयान मशीनों को लेकर फैले डर को कम करने वाला है।

इंसानों की भूमिका: टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क ने कुछ दिनों पहले ट्वीट किया था कि युद्ध का भविष्य ड्रोन हैं, इंसानों द्वारा संचालित एयरक्राफ्ट नहीं । वायु सेना प्रमुख ने इसी ट्वीट पर साफ किया कि इंसानों की भूमिका बनी रहने वाली है। मानवरहित सिस्टम डिवेलप होंगे, उनका उपयोग बढ़ेगा, लेकिन वे खुद से काम नहीं कर सकते। उनको चलाएगा कोई इंसान ही।

मैन्ड प्रॉजेक्ट: दुनिया के कई देशों में छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों पर काम चल रहा है। ब्रिटेन, इटली और जापान मिलकर ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम में लगे हुए हैं। वहीं अमेरिका ने NGAD लॉन्च किया है। चीन के बारे में भी चर्चा है कि वह Chengdu J-36 डिवेलप कर रहा है। और ये सारे प्रॉजेक्ट मैन्ड हैं।

साझेदारी का कमाल: कोई भी युद्ध बेहतर तालमेल और साझेदारी से जीता जाता है- फिर भले ही वह इंसानों और मशीनों के बीच क्यों न हो। भारत समेत कई देशों में अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल वीकल या ड्रोन पर प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। इनको लड़ाकू विमानों के साथ टीम में काम करने के लिए ही तैयार किया जा रहा।

ड्रोन का इस्तेमाल: रूस- यूक्रेन युद्ध में ड्रोन की भूमिका दिखी। इसी तरह, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान टकराव में भी ड्रोन अहम भूमिका में रहे। लेकिन, दोनों जगह ड्रोन्स ने तभी बेहतर परिणाम दिया, जब उनका इस्तेमाल सही ढंग से हुआ।

पाकिस्तान को जवाब: वायु सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को भी दोहराया। हालांकि सेना और सरकार की तरफ से पहले भी देश को जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन एयरफोर्स चीफ के बयान की जरूरत इसलिए थी क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से लगातार झूठ फैलाया जा रहा है। यहां तक कि पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच तक का इस्तेमाल किया। कोरे दावे संघर्ष में हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते। भारतीय सेना ने तो सबूत सामने रख दिए, पाकिस्तान के पास अगर कुछ है, तो दिखाना चाहिए, वरना झूठे नैरेटिव से उसे ही घाटा होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button