मुंबई बीएमसी चुनाव में कांग्रेस के ‘एकला चलो’ से उद्धव ठाकरे नाराज, मुस्लिम-दलित मतों के विभाजन से BJP को फायदा

मुंबई: बीएमसी चुनाव में कांग्रेस के अकेले लड़ने की घोषणा पर उद्धव सेना ने नाराजगी प्रकट की है। उद्धव सेना को डर है कि अलग-अलग चुनाव लड़ने से सीधे-सीधे मुस्लिम,दलित और अल्पसंख्यक मतों का विभाजन होगा जिसका फायदा सीधे बीजेपी को होगा इसलिए वह प्रयास कर रही है कि कांग्रेस उनके साथ मिलकर बीएमसी का चुनाव लड़े। उद्धव सेना के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि संभव है कि उद्धव ठाकरे इस बारे में राहुल गांधी से बात करें। शरद पवार भी पहल कर सकते हैं क्योंकि मुस्लिम और दलित मतों के विभाजन से बीएमसी में सत्ता लाना बहुत बड़ी चुनौती हो जाएगी।
चेन्निथला ने किया था ऐलान
कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने ऐलान कर दिया है कि बीएमसी का चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी। पार्टी सभी 227 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। कांग्रेस की इस घोषणा से उद्धव सेना की परेशानियां बढ़ गई है। उन्हें मुस्लिम और दलित मतों की चिंता सताने लगी है। उद्धव सेना को डर है कि कहीं मुस्लिम और दलित वोटर उनके हाथों से निकल नहीं जाए। अगर ऐसा होता है कि बीएमसी चुनाव में उद्धव सेना को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी और इसका सीधे-सीधे बीजेपी को फायदा होगा। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल पहले ही ठाकरे बंधुओं से दूरी बनाए हैं।
राने वाले के साथ जाएंगे मुस्लिम
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि जो बीजेपी को हरा सकता है मुस्लिम वोटर उसी ओर जाएगा। अगर उद्धव का उम्मीदवार बीजेपी को हरा सकता है तो वह उद्धव के उम्मीदवार को वोट देगा और कांग्रेस या फिर सपा का उम्मीदवार बीजेपी को हरा सकता है तो वह उनकी ओर जाएगा। लेकिन बीजेपी को वोट नहीं करेगा। ऐसे में निश्चित ही मतों का विभाजन होगा। उद्धव सेना का कहना है कि अगर कांग्रेस और उद्धव सेना मिलकर लड़े तो बीजेपी को हराया जा सकता है। उद्धव सेना के विधायक व पार्टी के नेता सुनील प्रभु कहते हैं कि बीएमसी चुनाव में समन्वय अत्यंत जरूरी था, लेकिन कांग्रेस ऐकला चलो के निर्णय से मुस्लिम मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होगी।
कांग्रेस का रही है बड़ा दावा
मुंबई कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेशचद्र राजहंस का दावा है कि मुस्लिम, दलित और अल्पसंख्यक समाज पारंपरिक रूप से कांग्रेस का समर्थन करता आया है और गठबंधन न होने के बावजूद ये वर्ग कांग्रेस के साथ ही खड़े रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव सेना बार-बार बीजेपी का भय दिखाकर कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि विपक्षी दल एकजुट न रहे, तो इसका सीधा लाभ बीजेपी को मिल सकता है और मुस्लिम-दलित मतों के बिखराव से चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।




