उत्तरप्रदेश

यमुना एक्सप्रेसवे हादसे की रूह कंपा देने वाली तस्वीर! पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे 10 सिर और जले टुकड़े—मंजर देख डॉक्टर भी सन्न

Mathura News: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण सड़क हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से केवल 5 शवों की ही पहचान हो पाई है। बाकी मृतकों की पहचान करना बेहद मुश्किल हो गया है, क्योंकि शव इतनी बुरी हालत में हैं कि डीएनए जांच के बिना उनकी शिनाख्त संभव नहीं है। हादसे के बाद जब शव पोस्टमार्टम हाउस लाए गए, तो हालात दिल दहला देने वाले थे। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की एक समिति के मुताबिक— पुलिस 10 मृतकों के सिर्फ सिर लेकर पहुंची, 2 शवों के केवल धड़ थे, 1 शव लगभग साबुत हालत में था, जबकि बाकी बैगों में छोटे-छोटे, बुरी तरह जले हुए शरीर के अवशेष थे। अधिकारियों ने बताया कि सभी अवशेषों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है और उनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

मथुरा हादसा पहुंचा राज्यसभा, एम्बुलेंस देरी पर सवाल
इस दर्दनाक हादसे का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी उठा। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रश्नकाल के दौरान सरकार से सवाल किया कि हादसे के बाद एम्बुलेंस करीब एक घंटे बाद मौके पर पहुंची, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि देश में सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार की नीति क्या है और ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

गडकरी बोले—’दंगे में भी इतने लोग नहीं मरते’
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे सदस्य की भावनाओं से पूरी तरह सहमत हैं। उन्होंने बताया कि— भारत में हर साल करीब 5 लाख सड़क हादसे होते हैं। इनमें लगभग 1 लाख 80 हजार लोगों की मौत हो जाती है। मरने वालों में 64 प्रतिशत लोग 18 से 34 साल की उम्र के होते हैं। गडकरी ने कहा कि यह स्थिति इतनी भयावह है कि दंगे और लड़ाई में भी इतने लोग नहीं मरते।

सरकार के प्रयास, लेकिन बड़ी चुनौती बना मानवीय व्यवहार
गडकरी ने कहा कि सरकार ने सड़क हादसों को रोकने के लिए कई उपाय किए, लेकिन पूरी सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या मानवीय व्यवहार है, जैसे तेज रफ्तार, लापरवाही और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क हादसे की स्थिति में 10 मिनट के भीतर एम्बुलेंस पहुंचनी चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके।

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