छत्तीसगढ़

 शासकीय भूमि पर कब्जा कर बनी फैक्ट्री हुई सीलबंद…

कोरबा. जिला प्रशासन द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण और अवैध कब्जों को हटाने के लिए निरंतर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोरबा और तहसीलदार की टीम ने मसाहती ग्राम औराकछार और मोहनपुर की सीमा में स्थित शासकीय भूमि पर निर्मित एक फैक्ट्री को सीलबंद किया है। साथ ही संबंधित प्रकरण न्यायालय में दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

तहसील कोरबा के ग्राम औरांकछार, पटवारी हल्का नंबर 03 में खसरा नंबर 75/1, 75/2 और 81/1/क (रकबा 0.202, 0.210 और 0.129 हेक्टेयर) शासकीय भूमि को विक्रेता रामानंद यादव द्वारा क्रेता आमीर सोहेल को कब्जा प्रदान किया गया था। जांच में यह सामने आया कि विक्रेता ने अपने कब्जे की भूमि के बगल में मोहनपुर की भूमि (खसरा नंबर 10, रकाबा 0.5 हेक्टेयर) जो कि वर्तमान में जस्टिन मिंज के नाम दर्ज है, जिसे उसने पूर्व में अपने परिचित के नाम पर सुम्मत कंवर से खरीदा था, से लगी लगभग 0.75 एकड़ शासकीय भूमि को भी कब्जे में बताकर बेच दिया। विक्रेता तथा आवेदक के पिता हेमंत शर्मा द्वारा उक्त शासकीय भूमि जो कि कोरबा सतरंगा मुख्य मार्ग में स्थित है को खसरा नंबर 75/1, 75/2 और 81/1/क बताते हुए क्रेता को गलत रूप से कब्जा प्रदान किया गया, जो स्पष्ट रूप से अवैध है। वास्तव में उक्त भूमि कोरबा-सतरंगा मार्ग से लगी हुई ना होकर अंदर स्थित है। जांच उपरांत तहसीलदार और नायब तहसीलदार की टीम ने मौके पर पहुंचकर उक्त शासकीय भूमि पर निर्मित फैक्ट्री को सीलबंद कर दिया। जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण पर इस प्रकार की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।

अज्ञात व्यक्ति का मिला शव, जांच में जुटी पुलिस

रायगढ़। शहर के इतवारी बाजार के ऑक्सीजोन गार्ड रूम में एक अज्ञात पुरुष उम्र करीब 50 वर्ष का शव मिलने की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई। कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव का निरीक्षण किया। शव के निरीक्षण पर मृतक के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं है। पुलिस ने मृतक के वारिसानों का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है। मृतक के शव को केजीएच के मरच्युरी रूम में रखा गया है। कोतवाली पुलिस द्वारा मृतक के परिजनों के पतासाजी की जा रही है।

जिले में अब तक 5 हजार 845 क्विंटल धान खरीदी

रायगढ़। समर्थन मूल्य पर खरीदी के पांचवें दिन तक 30 तपार्जन केंद्रों में 115 पंजीकृत किसानों से कुल 5,845.20 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिले में 81 हजार 847 किसान धान विक्रय के लिए पंजीकृत हैं, जिनका रकबा 1 लाख 17 हजार 789.2760 हेक्टेयर दर्ज है। अब तक किसानों द्वारा बेची गई धान की उपज का कुल क्षेत्रफल 114.3496 हेक्टेयर है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की सुव्यवस्थित तैयारियों, डिजिटल टोकन प्रणाली, प्रभावी निगरानी व्यवस्था और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण खरीदी केंद्रों में किसानों का भरोसा और उत्साह बढ़ा है।

रायगढ़ की महिला किसान को मिला फसल विविधीकरण चैम्पियन अवॉर्ड

रायगढ़। लैलूंगा विकासखण्ड के ग्राम गमेकेला की प्रगतिशील महिला किसान श्रीमती गायत्री पैकरा ने टिकाऊ कृषि और बहुफसली खेती का उत्कृष्ट मॉडल प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इसी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उन्हें वर्ष 2025 का फसल विविधीकरण चैम्पियन अवॉर्ड प्रदान किया गया। यह सम्मान ग्रामीण विकास कृषि एवं कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में प्रदान किया।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी नीति तथा प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी की पहल पर किसानों की आर्थिक तरक्की और उन्नति के लिए लगातार कार्य किए जा रहे है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत सीईओ अभिजीत बबन पठारे के मार्गदर्शन में गायत्री पैंकरा का विशिष्ट कृषि मॉडल उनके 3 एकड़ के आम बागान को केंद्र में रखते हुए विकसित किया गया है, जिसमें एकीकृत खेती, मिट्टी संरक्षण तकनीक, जैविक उर्वरक उपयोग और फसल विविधीकरण के वैज्ञानिक तरीकों का प्रभावी समावेश है। इस अभिनव मॉडल ने उन्हें न केवल जिले में बल्कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी विशिष्ट पहचान दिलाई है। गायत्री पैंकरा सीएलएफ नारी शक्ति महिला उपसंघ मुकडेगा के अंतर्गत स्व. सहायता समूह से जुड़ीं और बिहान योजना के वित्तीय सहयोग एवं कृषि प्रशिक्षणों का लाभ उठाकर उन्नत कृषि की दिशा में निरंतर आगे बढ़ती रहीं। पौधरोपण, भूमि सुधार, मिट्टी संरक्षण और जैविक तरीके से फसल विविधीकरण जैसे कार्य उन्होंने सफलता के साथ पूरे किए जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। उन्होंने खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसमों में विविध फसलें उगाकर लगभग 3.4 लाख रुपये वार्षिक आय अर्जित की।

खरीफ मौसम में धान, मूंगफली, उड़द में 2.15 लाख रुपए रबी मौसम में आलू, मटर, फूलगोभी, पत्तेदार सब्जियां में 75,000 रुपए और जायद मौसम में लोबिया, भिंडी, उड़द में 50 हजार रुपए प्राप्त की। गायत्री पैकरा ने बिहान योजना के साथ साथ नाबार्ड, उद्यानिकी विभाग और मनरेगा के सहयोग से विकसित बाड़ी मॉडल ने उनके टिकाऊ कृषि मॉडल को और मजबूती दी है। वह अब जिलेभर में महिलाओं और किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। उन्होंने अपने अनुभवों और प्रशिक्षणों का उपयोग करते हुए न केवल अपनी खेती को उन्नत बनाया, बल्कि आसपास के किसानों को भी वैज्ञानिक खेती, फसल विविधिकरण और टिकाऊ कृषि मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

पॉश कॉलोनी में आवारा मवेशी ने मचाया उत्पात

कोरबा. एमपी नगर में एक आवारा मवेशी ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया, कई परिवार भयभीत हो गए। पिछले कुछ दिनों से आवारा मवेशी कॉलोनी में घूम रहा था और धीरे-धीरे उसका व्यवहार और उग्र होता जा रहा था। स्थिति यह हो गई थी कि वह राहगीरों से लेकर घर से बाहर निकलने वाले लोगों पर भी हमला कर रहा था। डर के कारण लोग अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से भी कतराने लगे थे। आवारा मवेशी को कुछ दिन पहले एक कुत्ता ने काट लिया था, जिसके बाद वह रेबिज से संक्रमित हो गया। संक्रमण के चलते वह बेहद आक्रामक हो गया और लगातार लोगों तथा वाहनों पर हमला करने लगा। बताया जा रहा हैं कि बीते दिनों में उम्र आवारा मवेशी के हमले से करीब 12 वाहन चालक घायल हैं।

कॉलोनी वासियों ने इसकी सूचना निगम और वन विभाग को दी, परंतु हुए काफी कोशिशों के बाद भी उसको काबू नहीं किया जा सका। उसकी स्थिति विगड़ने पर छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसायटी के गौ-सेक्कों को इस बाबत खबर दी गई। टीम ने मौके पर पहुंचकर मशक्कत के बाद उग्र आवारा मवेशी को सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया और वाहन के जरिए उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद कॉलोनी के लोगों ने राहत की सांस ली। शहर कुत्ते पागल हो चुके हैं, जिनसे रेबिज फैलने और हमले की आशंका बनी रहती है। नागरिकों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगम और प्रशासन को गंभीरता से कदम उठाने होंगे। साथ ही अंचल के कई क्षेत्रों में अन्य आवारा मवेशी से भी दहशत व्याप्त है, खासकर पुराने कोरबा क्षेत्र में भी आवारा मवेशी व वान घूम रहे हैं, जिन्हे भी सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने की जरूरत क्षेत्रवासियों द्वारा महसूस की जा रही हैं।

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