छत्तीसगढ़

संत समाज ने अब वृंदावन श्री मलूकपीठ के पीठाधीश्वर से की भेंट, स्वामी अभिरामदास के खिलाफ की शिकायत

रायपुर। सनातन धर्म के नाम पर ढोंग फैला रहे कुशालपुर, रायपुर निवासी अमनदत्त ठाकुर पिता विकास दत्त ठाकुर के द्वारा किये जा रहे धर्म विरूद्ध एवं सनातन धर्म के विपरीत कार्यों की शिकायत पुलिस अधीक्षक धमतरी तथा जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक रायपुर के पास लागतार की गई थी। उसी क्रम में संत समाज के प्रतिनिधी मंडल द्वारा इनके निष्काशन की मांग को लेकर वृंदावन स्थित श्री मलूकपीठ के पीठाधीश्वर से भेंट कर इसके द्वारा किये जा रहे धर्म विरोधी एव अंधविश्वास फैलाने वाली हरकतों की जानकारी दी गई।

यह व्यक्ति संत का वेष धारण करके मार्च 2024 में इसने वृंदावन स्थित श्री मलूकपीठ से गुरूदीक्षा ली, जबकि उसके द्वारा पूर्व के पांच वर्षों से घूम-घूम कर प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुरू दीक्षा देकर झूठा प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। इसके द्वारा सितंबर 2024 में वृंदावन स्थित श्री मलूकपीठ से विरक्त दीक्षा ली गई, जिसमें संन्यास ग्रहण कर घर-परिवार का त्याग करना होता है। इसके पश्चात जनवरी 2025 महाकुंभ प्रयागराज में इसे श्री मलूकपीठ द्वारा जगतगुरू एवं मठाधीश की उपाधि प्रदान की गई। इसके द्वारा चलाए जा रहे फर्जी गौशाला तथा महाकुंभ में अर्जित लाखों रुपये की चंदा उगाही की गई। उपरोक्त जानकारी समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों, सूचना का अधिकार एवं पुलिस विभाग धमतरी के माध्यम से उजागर हुई।

इसके उपरांत यह व्यक्ति अपने रायपुर निवास को छोड़कार वृंदावन ओरछा की ओर भाग गया। इन सभी बातों को लेकर संत समाज रायपुर द्वारा वृंदावन स्थित श्री मलूकपीठ के पीठाधीश्वर से भेंट कर अपना विरोध दर्ज कराया एवं शिकायत के साथ पीठाधीश्वर जी से इसके निष्काशन की मांग की गई। साथ ही साथ संतों द्वारा चेतावनी दी गई कि ऐसे छद्‌म्वेषधारी द्वारा साधु संत का चोला ओढ़ कर आम जनता को गुमराह तथा लूट रहें है यदि पीठ द्वारा इनके निष्काशन नहीं किया जायेगा तो संत समाज द्वारा संम्पूण छत्तीसगढ़ में प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन करते हुये आम जनता को जागृत किया जायेगा कि श्री मलूकपीठ ने ऐसे फर्जी संत को पीठाधीश एवं जगतगुरू की उपाधि प्रदान कर जनता को लूटने की खुली छूट प्रदान की गई है।

इस संबंध में छत्तीसगढ़ संत समुदाय द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलकर उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन कालनेमी की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी फर्जी साधु-संतों की धरपकड़ करने की मांग रखी जाएगी।

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