सफला एकादशी पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, श्री हरि का मिलेगा आशीर्वाद

Saphala Ekadashi Aarti: पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी जीवन में सफलता, सुख और उन्नति दिलाने वाली मानी जाती है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. आइए जानें सफला एकादशी की पूजा, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व.
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है. पौष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली सफला एकादशी अपने नाम के अनुसार जीवन के कार्यों में सफलता प्रदान करती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु के साथ माता महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह व्रत मानसिक शांति देता है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति दिलाता है.
कब है सफला एकादशी 2025
पंचांग के अनुसार, सफला एकादशी की तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर 2025 को शाम 6 बजकर 49 मिनट से होगी और इसका समापन 15 दिसंबर 2025 को रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर 2025 (सोमवार) को रखा जा रहा है.
सफला एकादशी का पारण कब करें
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है. सफला एकादशी का पारण 16 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 7 मिनट से 9 बजकर 11 मिनट तक किया जा सकता है. द्वादशी तिथि का समापन उसी दिन रात 11 बजकर 57 मिनट पर होगा.
किन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ है सफला एकादशी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग लंबे समय से किसी समस्या से जूझ रहे हैं या जिनके कार्य बार-बार अटक रहे हैं, उनके लिए सफला एकादशी बेहद लाभकारी मानी जाती है. छात्रों के लिए यह व्रत पढ़ाई में एकाग्रता और अच्छे परिणाम दिलाने वाला माना गया है. वहीं नौकरीपेशा लोगों के लिए यह करियर में प्रगति, प्रमोशन और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने वाला दिन माना जाता है.




