छत्तीसगढ़

सुकमा में धान खरीदी ठप, 12 प्रबंधकों पर FIR से हलचल

सुकमा जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के बीच धान खरीदी व्यवस्था अचानक प्रशासनिक संकट में घिर गई है। शासन द्वारा 15 नवंबर से 31 जनवरी तक एस्मा लागू किए जाने के बावजूद 17 उपार्जन केंद्रों के 12 प्रभारी प्रबंधक 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बने हुए हैं। धान उपार्जन, खाद्यान्न वितरण और किसानों के ऋण नवीनीकरण जैसे प्रमुख काम ठप हैं। कृषकों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समय है, लेकिन समितियों में ताले लटकने से ग्रामीण इलाकों में नाराजगी बढ़ गई है। कोंटा, किस्टाराम, गोलापल्ली, एर्राबोर, पोलमपल्ली, जगरगुंडा, तोंगपाल और कोडरीपाल सहित कई केंद्रों के प्रभारी लगातार गैरहाजिर पाए गए।

14 नवंबर को जारी नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई कि एस्मा अवधि में अनुपस्थिति “दंडनीय अपराध” है और यह सीधे किसानों और हितग्राहियों के हितों को प्रभावित करता है। इसके बावजूद किसी भी प्रबंधक ने अब तक ज्वाइनिंग नहीं दी। प्रशासन ने इसे शासन आदेशों की खुली अवहेलना मानते हुए सभी 12 प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज कर ली है। अब जिला प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था तैयार कर रहा है ताकि किसानों की उपार्जन प्रक्रिया और पीडीएस वितरण बाधित न हो। इस पूरे घटनाक्रम ने सुकमा में धान खरीदी सीज़न की तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

बीजापुर में 150 बोरी धान ज़ब्त, प्रशासन ने कोचियों की घेराबंदी तेज की

बीजापुर जिले में धान खरीदी सीज़न की शुरुआत के साथ ही प्रशासन ने अवैध परिवहन रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। कलेक्टर हरिस एस के निर्देश पर राजस्व विभाग ने कोचियों और अवैध खरीदारों पर निगरानी बढ़ा दी है।
नानगुर तहसील के मांझीगुड़ा गांव में छापेमारी के दौरान 150 बोरी अवैध धान बरामद किया गया। मौके पर मौजूद टीम ने भंडारण से जुड़े दस्तावेज जब्त कर तत्काल कार्रवाई शुरू की। जिले में बाहर के राज्यों से धान लाने, फर्जी बोरो की अदला-बदली और सीमा पार परिवहन पर सख्त रोक है। इसी के तहत जिला प्रशासन ने एक विशेष कंट्रोल रूम भी बनाया है, जहां नागरिक संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दे सकते हैं। 7489807170 जारी किया गया नंबर लगातार सक्रिय है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार किसी भी स्थिति में अवैध धान को सरकारी खरीद केंद्रों तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। एसडीएम और तहसील स्तरीय टीमें भी 24×7 निगरानी पर हैं। इस अभियान का उद्देश्य किसान का असली धान, असली दाम सुनिश्चित करना है। बीजापुर में यह कार्रवाई आने वाले दिनों में और तेज होने के संकेत दे रही है।

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