हम हर संकट में साथ खड़े… आसियान समिट में PM मोदी का बड़ा संदेश, शेयर किया अपना मास्टर प्लान

PM Modi ASEAN Summit Full Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान समिट 2025 में कहा, भारत हर संकट में अपने मित्र देशों के साथ खड़ा है. 2026 को ‘भारत-आसियान समुद्री सहयोग वर्ष’ घोषित किया गया.
नई दिल्ली: कुआलालंपुर में रविवार को हुए 47वें आसियान समिट (ASEAN Summit 2025) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली शामिल होकर एक सशक्त संदेश दिया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “भारत हर संकट में अपने मित्र देशों के साथ मजबूती से खड़ा है.” प्रधानमंत्री मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए बधाई दी और कहा कि आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का सबसे अहम स्तंभ है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान मिलकर दुनिया की लगभग एक चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं. दोनों सिर्फ भौगोलिक रूप से नहीं बल्कि साझा इतिहास, मूल्यों और सहयोग की भावना से भी गहराई से जुड़े हैं. उन्होंने इसे “ग्लोबल साउथ का साझा सफर” बताया.
2026 होगा भारत–आसियान समुद्री सहयोग वर्ष-PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि साल 2026 को ‘आसियान-इंडिया ईयर ऑफ मैरीटाइम कोऑपरेशन’ के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान और तकनीक, स्वास्थ्य, ग्रीन एनर्जी और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में आसियान देशों के साथ सहयोग को लगातार मजबूत कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का “विकसित भारत 2047” और आसियान का “कम्युनिटी विजन 2045” एक साझा भविष्य की दिशा में कदम है. इसका लक्ष्य है पूरी मानवता के लिए एक उज्ज्वल, समावेशी और सतत विकासशील विश्व का निर्माण.
आसियान देशों को संवेदना और शुभकामनाएं
अपने संबोधन में PM मोदी ने फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस को भारत के देश समन्वयक की भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया और टिमोर-लेस्टे का नए सदस्य के रूप में स्वागत किया. साथ ही उन्होंने थाईलैंड की दिवंगत महारानी सिरिकित के निधन पर गहरी संवेदना भी व्यक्त की.पीएम मोदी ने कहा कि अनिश्चितताओं के इस दौर में भी भारत–आसियान साझेदारी स्थिरता और विकास का मजबूत आधार बनकर उभरी है.
भारत-आसियान साझेदारी का नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल के सम्मेलन का थीम ‘इनक्लूसिविटी एंड सस्टेनेबिलिटी’ भारत-आसियान की साझा भावना को दर्शाता है. उन्होंने आगे कहा, “हमारे बीच की साझेदारी केवल रणनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय और सांस्कृतिक भी है.” पीएम मोदी का यह संबोधन इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब ग्लोबल साउथ की आवाज बनने के साथ-साथ एशिया–प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग का भी नेतृत्व करना चाहता है.




