हवाला के ‘सफर’ का अनोखा नियम! करोड़ों का कैश, लेकिन भूख मिटाने को बिस्किट-नमकीन, कार रोकने की थी मनाही

सागर: MP के कटनी से मुंबई के बीच करीब 4 करोड़ रुपए के हवाला का दो दिन पहले खुलासा हुआ था। इसमें सागर पुलिस ने एक स्कार्पियों को जब्त किया था। कार में कैश के साथ बड़ी मात्रा में बिस्कट और नमकीन भी मिला था। पूछताछ में पता चला कि गाड़ी में जो लोग थे, उन्हें भूख लगने पर कहीं भी गाड़ी रोकने की परमिशन नहीं थी। भूख लगने पर बिस्किट नमकीन खाकर पेट भरना था।
सागर के मोतीनगर पुलिस ने महाराष्ट्र पासिंग की एक स्कॉर्पियो गाड़ी के सीक्रेट बॉक्स से 3.98 करोड़ रुपये की हवाला रकम जब्त की थी, जो कटनी से मुंबई ले जाई जा रही थी। कार के सीक्रेट बॉक्स से मिला यह कैश प्रदेश के कटनी से मुंबई के किसी हीरा व्यवसायी को डिलीवर किया जाना था। कैश के साथ, पकड़े गए युवकों को ढाबों पर रुकने की मनाही थी और भूख मिटाने के लिए गाड़ी में सिर्फ पारले-जी बिस्किट और नमकीन रखने का खुलासा हुआ है। बता दें कि जब्त की गई पूरी रकम को SBI के सरकारी खाते में जमा करा दिया गया है और अब इनकम टैक्स विभाग असली मालिकों की जांच कर रहा है, जबकि पकड़े गए दोनों व्यक्तियों को अपराध साबित न होने पर पुलिस ने रिहा कर दिया है।
करोड़ों का सफर, खाने को सिर्फ पारले-जी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जब्त कैश से ज्यादा चर्चा गाड़ी में मिले सफर के सख्त नियमों की रही। गाड़ी की तलाशी में करोड़ों रुपये के नोटों के बंडलों के साथ पारले-जी बिस्किट, नमकीन के पैकेट और 50 पानी की बोतलें मिलीं। पकड़े गए युवकों को सख्त निर्देश थे कि वे किसी भी ढाबे या होटल पर नहीं रुकेंगे। भूख लगने पर वे केवल गाड़ी में रखे पारले-जी बिस्किट और नमकीन का ही इस्तेमाल करेंगे। गाड़ी केवल ‘टॉयलेट ब्रेक’ के लिए ही रोकी जानी थी।
SAF गार्ड की चौकसी में रहा कैश, सिवनी कांड से सतर्क थी पुलिस
चर्चा है कि सिवनी के ‘पांडे मैडम फैक्टर’ को देखते हुए पुलिस किसी भी विवाद से बचना चाहती थी। इसलिए रकम जब्त होते ही फौरन उसे मालखाने में रखा गया। किसी भी आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए, पुलिस लाइन से तत्काल SAF (स्पेशल आर्म्ड फोर्स) गार्ड की डिमांड की गई। चार जवानों की एसएएफ गार्ड ने लगभग 48 घंटे तक बारी-बारी से मालखाने की चौकसी की।
IT विभाग को सौंपा गया ‘काला धन’
जब्त की गई पूरी राशि 3.98 करोड़ रुपए को अगले दिन देर शाम इनकम टैक्स (IT) अधिकारियों की टीम और सीएसपी ललित कश्यप ने मिलकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की सिविल लाइन ब्रांच के सरकारी खाते में जमा करा दिया है। अब IT विभाग इस ‘काले धन’ के असली मालिकों की जानकारी जुटाकर उनसे पूछताछ की तैयारी कर रहा है।




