हार के डर से चुनाव टालने की मांग कर रहा है विपक्ष, बीजेपी ने की आलोचना

मुंबई: चुनाव आयोग से मिलने के बाद विपक्ष ने मांग की है कि जब तक वोटर लिस्ट की गड़बड़ियां दूर नहीं की जाती तब तक राज्य में स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं कराए जाएं। इस पर सत्ताधारी बीजेपी ने विपक्ष की जमकर खबर ली है। बीजेपी मीडिया विभाग प्रमुख नवनाथ बन ने विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उन्हें पता है कि आने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव में उनकी फजीहत होने वाली है। उन्हें बड़ी पराजय का सामना करना पड़ेगा इसलिए वे तरह-तरह के बहाने बनाकर चुनाव टालने की साजिश रच रहे हैं।
शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बन ने उद्धव ठाकरे, संजय राउत सहित महाविकास आघाडी के नेताओं की जमकर खिंचाई करते हुए कहा कि उन्होंने अभी से ही हार मान ली है। बीते विधानसभा में उन्हें ऐसी पराजय मिली है उससे वे अब तक उबर नहीं पाएं हैं। उन्हें इस बात की आशंका है कि विधानसभा के चुनाव परिणाम जैसा ही चुनाव नतीजा आने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव में आएगा। इसी डर से वे चुनाव टालने के तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। चुनाव में हार के कारणों की तलाश करने की बजाय, जनता में जाने की बजाय चुनाव आयोग और विजेता महायुति को टारगेट कर हैं। इससे उनकी बौखलाहट का पता चलता है।
राहत पैकेज से किसान खुश है
बीजेपी मीडिया विभाग प्रमुख नवनाथ बन ने दावा किया कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के किसान महायुति सरकार के 32,000 करोड़ रुपये के पैकेज है। वे बहुत खुश है। उनके खाते में पैसे जमा होने लगे हैं। लेकिन विपक्ष नाखुश है। अब उसके लिए भला क्या किया जा सकता है। बन ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे की सरकार में राज्य थी। कांग्रेस की भी सरकार कई बार थी, लेकिन कभी भी किसानों के लिए 32,000 करोड़ जैसा मदद पैकेज की घोषणा कभी नहीं की। सरकार के आलोचना करते हुए लिए विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं बचा है।




