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35 ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है नुकसान, गीता गोपीनाथ ने क्यों दी ये चेतावनी?

बिजनेस डेस्कः जानी-मानी अर्थशास्त्री और पूर्व IMF डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने चेताया है कि अमेरिकी शेयर बाजार में संभावित गिरावट (Stock Market Correction) से वैश्विक वित्तीय बाजारों में भारी झटका लग सकता है। उनका कहना है कि एक झटके में 35 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति खत्म हो सकती है, जो साल 2000 के डॉट-कॉम क्रैश से भी गंभीर प्रभाव डाल सकती है। यह रकम अमेरिका की कुल जीडीपी से भी ज्यादा है। गोपीनाथ के मुताबिक, अमेरिकी शेयर बाजार पर दुनिया की निर्भरता अब ऐतिहासिक स्तर पर है और यदि इसमें गिरावट आती है तो उसका असर पूरी दुनिया के वित्तीय सिस्टम पर दिखेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा समस्या सिर्फ “अनबैलेंस्ड ट्रेड” नहीं, बल्कि “अनबैलेंस्ड ग्रोथ” है। टैरिफ युद्ध और सीमित वित्तीय क्षमता (Fiscal Space) इस संकट को और गहरा कर रहे हैं।

IMF की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी इक्विटी मार्केट्स अपने वैश्विक साथियों की तुलना में 46% प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं और उनका फॉरवर्ड अर्निंग मल्टीपल 22 गुना है, जो फंडामेंटल्स के लिहाज से अस्थिर और गैर-औचित्यपूर्ण माना जा रहा है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि निवेशक बढ़ते जोखिमों के बावजूद बहुत लापरवाह हो गए हैं, जबकि एसेट्स की कीमतें अपनी वास्तविक वैल्यू से काफी ऊपर हैं।

इतिहास याद दिलाता है कि साल 2000 में डॉट-कॉम बबल फूटने से इंटरनेट कंपनियों के शेयरों की कीमतें भारी गिरावट के कारण ट्रिलियंस डॉलर की वैल्यू खो गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक माहौल में यदि अमेरिकी बाजार में कोई बड़ा झटका आता है, तो उसके प्रभाव डॉट-कॉम क्रैश से भी ज्यादा गंभीर हो सकते हैं। 

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