छत्तीसगढ़

बिजली बिलों की बढ़ती दरों को लेकर युवा कांग्रेस का प्रदर्शन: ‘हाफ बिजली बिल’ योजना पुनः बहाल करने की मांग

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शनिवार को बिजली बिलों की बढ़ती दरों के खिलाफ युवा कांग्रेस ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए जनजागरण अभियान चलाया। यह अभियान मरीन ड्राइव से शुरू हुआ, जहां बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। अभियान का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा बंद की गई ‘हाफ बिजली बिल योजना’ की पुनः बहाली की मांग उठाना और बढ़ते बिजली बिलों से आम जनता को हो रही परेशानी को उजागर करना था।

हस्ताक्षर अभियान से लेकर नुक्कड़ नाटक तक

बता दें कि मरीन ड्राइव पर आज सुबह से ही युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर संग्रह अभियान शुरू किया। लोगों ने अपने बिजली बिलों की प्रतियां दिखाते हुए दरों में वृद्धि पर नाराज़गी जताई। इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कलाकारों ने आम जनता की पीड़ा को व्यंग्यात्मक अंदाज में पेश किया जहां “बिल आधा नहीं, सिर चढ़ा पूरा” जैसे संवादों पर दर्शक झूम उठे।

इन नुक्कड़ सभाओं में सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी, जिन्होंने तालियों और नारों के साथ कांग्रेस की पूर्व योजनाओं के समर्थन में अपनी राय जाहिर की। कार्यक्रम में पारंपरिक तरीके से हजारों पोस्टर और लीफलेट भी बांटे गए, जिनमें कांग्रेस के बिजली राहत वादे और भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल दर्ज थे।

जनसभा को संबोधित करते हुए युवा कांग्रेस के नेताओं ने कहा, “छत्तीसगढ़ एक बिजली सरप्लस राज्य है, लेकिन भाजपा सरकार ने ‘हाफ बिजली बिल योजना’ खत्म कर जनता की जेब पर डाका डाला है। अब जनता दोगुना बिल और अनियमित बिजली आपूर्ति झेल रही है। यह अन्याय है, और युवा कांग्रेस इसके खिलाफ सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।”

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में लौटती है तो सबसे पहले “हाफ बिजली बिल योजना” को फिर से लागू किया जाएगा, ताकि हर घर को राहत मिल सके।

आगे भी जारी रहेगा अभियान

युवा कांग्रेस के नेताओं ने बताया कि यह अभियान केवल रायपुर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे पूरे प्रदेश में फैलाया जाएगा। युवा कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर बिजली बिल से जुड़ी समस्याओं को सुनेंगे और जनता के साथ मिलकर आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि लोगों के अधिकार की लड़ाई है। जब तक सरकार जनता की सुनवाई नहीं करती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।”

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