व्यापार

न डॉलर, न दिरहम…भारत-रूस तेल सौदे में बदलाव, पेमेंट को लेकर उठाया बड़ा कदम

बिजनेस डेस्कः रूसी तेल व्यापारी अब भारतीय रिफाइनरियों से अमेरिकी डॉलर या यूएई दिरहम के बजाय चीनी युआन में भुगतान करने के लिए कह रहे हैं। पहले इन सौदों में डॉलर या दिरहम का ही इस्तेमाल होता था। सूत्रों के मुताबिक, यह बदलाव भारत और चीन के सुधरे हुए रिश्तों का नतीजा है। सूत्रों के मुताबिक, इससे रूसी तेल व्यापारियों के लिए भारतीय खरीदारों के साथ सौदे करना आसान हो जाएगा।

इंडियन ऑयल ने भी युआन में किया भुगतान

हाल ही में भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने रूस से तेल के दो-तीन शिपमेंट का भुगतान युआन में किया है। साल 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे, जिसके बाद तेल खरीदार युआन और दिरहम जैसी मुद्राओं में भुगतान करने लगे थे।

साल 2023 में कुछ सरकारी रिफाइनरियों ने युआन में भुगतान करने की कोशिश की थी लेकिन भारत–चीन संबंधों में तनाव के कारण इसे रोक दिया गया। निजी रिफाइनरियों ने तब भी चीनी मुद्रा में सौदे जारी रखे थे।

डॉलर में तय, युआन में भुगतान

व्यापारियों के अनुसार, पहले उन्हें डॉलर या दिरहम को युआन में बदलना पड़ता था ताकि रूस के उत्पादकों को भुगतान किया जा सके। अब सीधे युआन में भुगतान करना संभव हो गया है। हालांकि, रूस के तेल की कीमत अभी भी डॉलर में तय की जा रही है ताकि यूरोपीय संघ के प्राइस कैप का पालन किया जा सके।

भारत रूस का बड़ा आयातक

पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद भारत रियायती दर पर रूस से समुद्री तेल का सबसे बड़ा आयातक बन गया है। युआन में भुगतान करने से सरकारी रिफाइनरियों के लिए तेल खरीदना और आसान हो सकता है।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच संबंध सुधर रहे हैं। पांच साल बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चीन में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button