ट्रंप ने अपने ही देश को आग में झोंका! अमेरिका में मंदी की आहट, बिना बिके सामान का ढेर लगा

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अमेरिका को महान बनाने का वादा किया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने भारत समय दुनिया के ज्यादातर देशों पर टैरिफ का बोझ लाद दिया। लेकिन अब इसका असर अमेरिका पर ही पड़ता दिखाई दे रहा है।
अमेरिका में नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग यानी सामान बनाने का काम धीमा पड़ गया। यह पिछले चार महीनों में सबसे कम रहा। इसकी वजह है टैरिफ का बढ़ना, जिससे चीजें महंगी हो गईं और लोगों ने खरीदना कम कर दिया। इससे अमेरिका में मंदी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, इस मंदी की वजह से बिना बिके सामान का ढेर लग गया है। इससे यह चिंता बढ़ गई है कि कहीं यह देश की पूरी आर्थिक ग्रोथ को धीमा न कर दे।
मैन्युफैक्चरिंग को झटका
एस एंड पी ग्लोबल (S&P Global) ने बताया कि अमेरिका का मैन्युफैक्चरिंग PMI (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) अक्टूबर के 52.5 से घटकर नवंबर में 51.9 पर आ गया। नए ऑर्डर में बड़ी गिरावट आई और तैयार माल का स्टॉक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
एस एंड पी ग्लोबल इंटेलिजेंस के क्रिस विलियमसन ने कहा कि मैन्युफैक्चरर्स को नए ऑर्डर में धीमी ग्रोथ और तैयार माल के स्टॉक में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की चिंता झेलनी पड़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांग फिर से नहीं बढ़ी तो उत्पादन और भी कमजोर हो सकता है।
आम आदमी परेशान, भरोसा घटा
रॉयटर्स ने बताया कि ग्राहक अब लंबे समय तक चलने वाले मैन्युफैक्चरिंग सामान खरीदने में हिचकिचा रहे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के सर्वे में खरीदने की स्थिति में भारी गिरावट देखी गई। सर्वे में यह भी कहा गया कि ग्राहक ऊंची कीमतों और घटती आय से लगातार परेशान हैं। टैरिफ ने आयात की लागत बढ़ा दी है, जिससे निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
लेकिन यहां मिली कुछ राहत
फैक्ट्री सेक्टर में मंदी के बावजूद, कुल मिलाकर व्यावसायिक गतिविधियां मजबूत बनी रहीं। अमेरिका का कंपोजिट PMI आउटपुट इंडेक्स 54.8 पर पहुंच गया। इसे सेवा क्षेत्र से सहारा मिला। रॉयटर्स ने बताया कि सेवा क्षेत्र का PMI 55.0 पर चढ़ गया। इसकी वजह नए बिजनेस ऑर्डर में सुधार, ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद, 43 दिन के सरकारी शटडाउन का खत्म होना और राजनीतिक चिंताओं का कम होना था।




