क्या आपको भी गैस की समस्या है, जानिए इसके घरेलू व आयुर्वेदिक उपचार के बारे में

Ayurvedic Tips: गैस और एसिडिटी की समस्या आज आम हो चली है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम इनके लक्षणों को पहचानें और आयुर्वेदिक उपचार से इससे छुटकारा पायें.
: बदलती जीवनशैली, शारीरिक गतिविधियों में कमी, लंबे समय तक भूखा रहने और बाहर तथा जंकफूड के सेवन के कारण आज अधिकतर लोग गैस और एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम इनके लक्षणों को पहचानें और घरेलू उपचार के जरिये इस समस्या से निजात पायें. जानते हैं, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, दिल्ली, के डीन, (पीएचडी) प्रो महेश व्यास से गैस और एसिडिटी के लक्षण और इसके उपचार के बारे में.
गैस के सामान्य लक्षण
- पेट भरा हुआ महसूस होना, पेट में कसाव और खिंचाव महसूस होना.
- पेट दर्द- पेट के क्षेत्र में ऐंठन या बेचैनी.
- डकार आना- डकार के माध्यम से गैस निकलना.
- गैस निकलना (पेट फूलना)- शरीर से बार-बार गैस निकलना.
- भूख न लगना.
- मतली आना- पेट में बेचैनी महसूस होना.
- पेट फूलना- पेट में सूजन या फैलाव दिखाई देना.
- सीने में जलन- गैस जमा होने के कारण सीने में जलन होना.
- कब्ज- मल त्याग में कठिनाई या अनियमितता.
- बार-बार पेट फूलना- गैस का अत्यधिक निकलना.
एसिडिटी के लक्षण
पेट या सीने में जलन महसूस होना, मुंह में खट्टा पानी आना, खट्टी डकार आना, जी मिचलाना, खट्टी उल्टी आना, मुंह मे छाले आना, दांतों मे खट्टापन रहना, सिर मे दर्द होना, पेट मे दर्द होना आदि एसिडिटी के लक्षण होते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
- सभी कच्चे, ठंडे, सूखे और रूखे खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज. इनमें कच्ची सब्जियां, ठंडे जूस और स्मूदी, सलाद, क्रैकर्स, सूखा अनाज या ग्रेनोला (खासकर ठंडे दूध के साथ), पॉपकॉर्न, सूखा टोस्ट, फ्रोजन फूड, ठंडे खाद्य पदार्थ और बर्फ या ठंडे पेय पदार्थ शामिल हैं.
- अधिकतर गर्म और अच्छी तरह पका हुआ भोजन ही करें.
- खाने में गरम मसाले (अदरक, हल्दी, जीरा, दालचीनी) का प्रयोग करें.
- उचित मात्रा में स्वास्थ्यवर्धक तेल का प्रयोग करें.
- भोजन के बीच-बीच में गर्म पानी की चुस्कियां लेते रहें.
- भारी, पचने में मुश्किल प्रोटीन, जैसे मांस और अधिकतर फलियों को कम खायें. हल्का मांस (चिकन और मछली) और फलियां (भीगी हुई मूंग और लाल मसूर) का सेवन उचित है.
- प्रसंस्कृत, संरक्षित और परिष्कृत (Processed, preserved and refined) खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. हालांकि बासमती चावल का सेवन अच्छा होता है.
- अजीर्ण, यानी अपच होने पर खिचड़ी या दलिया का सेवन करें.
- खाने के बाद सौ कदम चलें.
- तेल की बस्ति का प्रयोग करें.
- नियमित रूप से छाछ का सेवन करें.
- खाने के पहले अजवाइन या सौंफ के पानी का सेवन करें.
- खाने के बीच में दही में जीरा का चूर्ण या धनिया पाउडर मिलाकर सेवन करें.
- एक बार खाने के बाद तीन से चार घंटे के बाद ही कुछ खायें.
- गाडी चलाते समय, या चलते हुए खाना न खायें.
- खाने के पहले नींबू और अदरक का सेवन करें.
- खाने के बीच सौंफ या अजवाइन के चूर्ण का प्रयोग करें.
- खाने में उचित मात्रा में फाइबर होना चाहिए.
- नियमित रूप से योग, प्राणायाम करें.
- योग के लिए आसन- भुजंगासन, पश्चिमोत्तानासन, वज्रासन, मंडूकासन, शशांकासन, सूर्य नमस्कार, वृक्षासन आदि करें.




