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श्री हरि विष्णु–मां लक्ष्मी की कृपा पाने के शुभ उपाय, मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करने से शुरू होगी Tension free life

Margashirsha Purnima 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष की सबसे पवित्र पूर्णिमाओं में से एक मार्गशीर्ष पूर्णिमा मानी गई है। शास्त्रों में इस तिथि को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष आराधना का दिन माना गया है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन किए गए सरल उपाय परिवार में सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और रुके हुए कार्यों में सफलता दिलाते हैं। आइए जानें मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किए जाने वाले 5 अत्यंत फलदायी उपाय।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त के पवित्र स्नान से मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस समय स्नान करने से नकारात्मकता दूर होती है और शरीर-मन दोनों पवित्र होते हैं। इसके बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। यह क्रिया जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है और दिन भर सफलता के योग बनाती है।

इस दिन लाल या पीले वस्त्र पर लक्ष्मी–नारायण की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है। चंदन, पुष्प, धूप-दीप और माता लक्ष्मी के लिए शृंगार सामग्री अर्पित करें। शास्त्रों में वर्णित है कि इस पूजा से घर में धन-धान्य, सौभाग्य और समृद्धि का स्थायी वास होता है।

पूजा के बाद शांत मन से विष्णु चालीसा का पाठ करें। यदि संभव हो तो “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जप करें। यह मंत्र मानसिक शांति, पारिवारिक सौहार्द और जीवन में तरक्की लाने वाला माना गया है। नियमित जप से घर में सकारात्मक स्पंदन कायम रहता है।

पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल आटे का दीपक बनाकर तिल के तेल से भरें और पीपल के वृक्ष के नीचे जलाएं। दीप जलाते समय अपनी मनोकामना अवश्य व्यक्त करें। शास्त्रों के अनुसार पीपल देव वृक्ष है और यहां दीप प्रज्ज्वलित करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होने लगती हैं।

यदि जीवन में धन संबंधी रुकावटें लगातार बनी रहती हों तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर पीपल के नीचे तिल का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। यह उपाय अर्थिक बाधाओं को दूर करके कार्यों में गति प्रदान करता है और सफलता के मार्ग खोलता है।

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