महाराष्ट्र

‘युति धर्म’ का पालन करें.. एकनाथ शिंदे की अपील को BJP ने किया नजरअंदाज, दो शिवसैनिकों को किया पार्टी में शामिल

ठाणे:महाराष्ट्र में इन दिनों महायुति के सहयोगी दलों, शिवसेना और बीजेपी के बीच कार्यकर्ताओं की सेंधमारी को लेकर घमासान मचा हुआ है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के ‘युति धर्म’ निभाने की अपील के बावजूद, बीजेपी ने डोंबिवली में शिवसेना के दो पदाधिकारियों, विकास देसाई और अभिजीत थरवाल को पार्टी में शामिल कर लिया। इसके जवाब में शिवसेना विधायक राजेश मोरे ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण पर गठबंधन के सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा लगातार शिवसेना के सदस्यों को स्वीकार कर रही है। मोरे ने यह भी दावा किया कि कई बीजेपी नेता और पूर्व पार्षद शिवसेना में शामिल होना चाहते थे, लेकिन उन्होंने ‘गठबंधन धर्म’ का पालन करते हुए उन्हें रोका। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना के जिला उपाध्यक्ष राजेश कदम ने आरोप लगाया कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष शिवसेना कार्यकर्ताओं के घर जाकर उन्हें लालच देकर पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।


शिवसेना के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार

शिवसेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद बीजेपी कल्याण जिला अध्यक्ष नंदू परब ने पलटवार किया। उन्होंने शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे पर कल्याण लोकसभा क्षेत्र में गठबंधन के सिद्धांतों को तोड़ने का पहला कदम उठाने का आरोप लगाया। परब ने कहा कि हाल ही में दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने ‘युति धर्म’ का पालन करने पर सहमति जताई थी, लेकिन शिवसेना ने अंबरनाथ में बीजेपी पदाधिकारी रोसलिन फर्नांडीस को पार्टी में शामिल कर गठबंधन तोड़ा। उन्होंने कहा कि बुधवार को दो शिवसेना नेताओं का बीजेपी में शामिल होना उसी का सीधा जवाब था। जब एक पत्रकार ने पूछा कि बीजेपी ने पहले शिवसेना की पूर्व अंबरनाथ कॉर्पोरेटर सुरेंद्र यादव को शामिल किया था, तो परब ने जवाब दिया कि शिवसेना ने मालवण में नीलेश राणे के कार्यों से गठबंधन के सिद्धांतों को तोड़ा था और उल्लंघन की शुरुआत वहीं से हुई थी।

शिवसेना पदाधिकारी को पार्टी में शामिल न करने के निर्देश मिले
परब ने आगे कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष से निर्देश मिले हैं कि अब वे किसी भी शिवसेना पदाधिकारी को पार्टी में शामिल न करें। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिवसेना बीजेपी नेताओं को तोड़ना जारी रखती है, तो बीजेपी हर एक बीजेपी सदस्य के बदले दो शिवसेना पदाधिकारियों को पार्टी में शामिल करेगी। बता दें कि पिछले एक महीने से, दोनों दल कल्याण लोकसभा क्षेत्र में एक-दूसरे के पदाधिकारियों को अपनी पार्टी में शामिल कर लगातार एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। इससे दोनों पक्षों के शीर्ष नेतृत्व ने गठबंधन के सिद्धांतों के बार-बार उल्लंघन की शिकायत की है।

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