स्वास्थ्य

Delhi air pollution: लोगों को हो रही Skin की बीमारियां, Derma Doctor ने दिए बचाव टिप्स

डेस्क: दिल्ली और नोएडा में इन दिनों वायु प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है। AQI 400 के पार पहुंच गया है, जो कि बेहद खतरनाक स्थिति मानी जाती है। प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों या अंदरूनी अंगों के लिए ही नुकसान नहीं करता, बल्कि यह हमारी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा रहा है। डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार प्रदूषण के संपर्क में आने से स्किन कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकती है।

प्रदूषण से त्वचा पर होने वाले प्रभाव

वायु में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सूक्ष्म कण (PM 2.5 और PM 10) सीधे त्वचा की सतह और रोमछिद्रों (pores) में घुस जाते हैं। ये कण कोलेजन और त्वचा की प्राकृतिक तेल परत को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे त्वचा अपनी लचीलापन और नमी खो देती है। लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से त्वचा में निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन

समय से पहले झुर्रियां

रंग असमानता (Hyperpigmentation)

एक्ने और पिंपल्स

एक्सपर्ट की राय

 डर्मेटोलॉजिस्ट, बताती हैं कि प्रदूषण से त्वचा का डल दिखना सबसे पहला संकेत होता है। लगातार प्रदूषण में रहने से त्वचा की ऑक्सीजन सप्लाई कम हो जाती है, जिससे चेहरा थका हुआ और बेजान दिखने लगता है। प्रदूषण से त्वचा में फ्री रैडिकल्स की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हेल्दी स्किन सेल्स भी डैमेज हो जाते हैं और त्वचा का लचीलापन कम हो जाता है। यही कारण है कि गाल, माथे और होंठों के आसपास दाग-धब्बे या पिगमेंटेशन बढ़ने लगते हैं।

प्रदूषण और एक्ने का संबंध

बड़े शहरों में रहने वाले लोगों में एक्ने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि प्रदूषण के कण और धूल रोमछिद्रों में फंसकर तेल (sebum) के साथ मिलते हैं, जिससे बैक्टीरिया पनपते हैं और फेस पर मुंहासे या पिंपल्स हो जाते हैं।

त्वचा की सुरक्षा के लिए जरूरी स्किन केयर रूटीन

डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार प्रदूषण से बचाव के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं

माइल्ड क्लींजर – हल्के क्लेंजर से दिन में दो बार चेहरा धोएं, ताकि धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कण साफ हो जाएँ।

फेस सीरम – विटामिन C, नियासिनामाइड और ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट जैसे एंटीऑक्सीडेंट सीरम का इस्तेमाल करें, जो फ्री रैडिकल्स से बचाव करते हैं।

सनस्क्रीन – हर दिन ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं। UV किरणें और प्रदूषण मिलकर दाग-धब्बों को बढ़ाते हैं।

रात में एयर प्यूरिफायर और ह्यूमिडिफायर – ताकि त्वचा को रात में रिपेयर होने का समय मिले।

रात में मॉइश्चराइजर और रिपेयर क्रीम – त्वचा को नमी और पोषण दें।

पर्याप्त पानी और संतुलित आहार – फलों, मेवों और हरी सब्जियों का सेवन करें।

स्किन समस्या होने पर विशेषज्ञ से सलाह – घरेलू नुस्खों के बजाय किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श लें।

प्रदूषण से होने वाले स्किन डिजीज

प्रदूषण के कारण त्वचा में विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं, जैसे-

एक्ने और पिंपल्स

एग्जिमा

हाइपरपिग्मेंटेशन

सोरायसिस

दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण के कारण सिर्फ फेफड़ों की सेहत ही नहीं, बल्कि त्वचा की सेहत भी खतरे में है। सही स्किन केयर और सावधानी बरतकर त्वचा को प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाया जा सकता है।  

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