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HSBC को भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा, शेयर बाजार को लेकर दी Positive राय

बिजनेस डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रहे हैं। पहले उन्होंने भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहते हुए 25% शुल्क लगाया, फिर रूस को सप्लाई देने का आरोप लगाकर 25% अतिरिक्त टैरिफ जोड़ दिया यानी भारत पर अब कुल 50% टैरिफ लग चुका है। इसके अलावा ट्रंप ने यूरोप को भी भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश की और H-1B वीज़ा की फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दी। इन कारणों से भारतीय शेयर बाजार पिछले तीन दिनों से दबाव में है।

इन नकारात्मक खबरों के बीच ग्लोबल रिसर्च फर्म HSBC ने भारत को लेकर पॉजिटिव राय दी है। अपनी ताज़ा रिपोर्ट “एशिया इक्विटी इनसाइट्स क्वार्टरली” में HSBC ने भारत की रेटिंग ‘न्यूट्रल’ से बढ़ाकर ‘ओवरवेट’ कर दी है। साथ ही 2026 के अंत तक सेंसेक्स का लक्ष्य 94,000 अंक तय किया है, जो मौजूदा स्तर से 13% से ज्यादा ऊपर है।

क्यों आशावादी है HSBC?

HSBC का मानना है कि भारत में मजबूत घरेलू निवेश, बेहतर वैल्यूएशन और सरकार की नीतियों की वजह से बाजार में लंबी अवधि की तेजी देखने को मिल सकती है। विदेशी निवेशकों के बिकवाली करने के बावजूद घरेलू निवेशकों ने मजबूती दिखाई। भारत में एशिया के अन्य देशों की तरह बड़ी उथल-पुथल नहीं हुई। सरकार के रिफॉर्म और कैपेक्स पर जोर ने अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है।

बाकी एशियाई बाजारों की स्थिति

वहीं चीन और हांगकांग भी HSBC ने ‘ओवरवेट’ कैटेगिरी में रखा है, जहां 2026 तक एफटीएसई चीन के लिए 21 फीसदी और एफटीएसई हांगकांग के लिए 16.4 फीसदी रिटर्न का अनुमान है। हालांकि, कोरिया को ‘अंडरवेट’ की कैटेगिरी में डाल दिया गया है। वहीं दूसरी ओर आसियान देशों के शेयर बाजार राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण अभी भी सुस्त बने हुए हैं। जापान को कमजोर येन से फायदा हो रहा है लेकिन अब उसे दबाव में माना जा रहा है। फिर भी, एचएसबीसी की क्षेत्रीय रणनीति में भारत अब सबसे आगे है। साथ ही एचएसबीसी के लिए एशिया में सबसे ज्यादा ओवरवेट ऑप्शंस में से एक बन गया है।

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